नोएडा, 3 मार्च: नोएडा की भूमि सोमवार को एक अविस्मरणीय सांस्कृतिक आयोजन की साक्षी बनी, जब देशभर से आए रंगकर्मियों का जमघट ईशान म्यूजिक कॉलेज, नोएडा में लगा। अवसर था प्रख्यात रंगकर्मी और वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता प्रसन्ना की नई पुस्तक ‘एक्टिंग एंड बियॉन्ड’ के विमोचन और अभिनय कार्यशाला का, जिसका आयोजन आईकेनडुइट थिएटर ग्रुप द्वारा किया गया।

अभिनय कार्यशाला: रंगकर्मियों के लिए सीखने का अनूठा अवसर

इस विशेष कार्यशाला में देशभर से आए रंगकर्मियों ने तीन घंटे तक मंत्रमुग्ध होकर अभिनय की बारीकियों और उसके आयामों को गहराई से समझा। विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से कलाकारों ने अभिनय की तकनीकों को निखारने का प्रयास किया।

‘एक्टिंग एंड बियॉन्ड’ पुस्तक का विमोचन

कार्यशाला के उपरांत, वरिष्ठ लेखक उदय प्रकाश के करकमलों द्वारा ‘एक्टिंग एंड बियॉन्ड’ पुस्तक का भव्य विमोचन हुआ। विमोचन के दौरान, प्रसन्ना ने इस पुस्तक को लिखने की प्रेरणा और उसकी यात्रा को विस्तार से साझा किया। वहीं, वरिष्ठ आलोचक रविंद्र त्रिपाठी ने पुस्तक की विषयवस्तु पर प्रकाश डालते हुए इसके महत्व को रेखांकित किया।

प्रसन्ना: भारतीय रंगमंच के अग्रदूत

प्रसन्ना, राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय (NSD) से स्नातक और पूर्व वरिष्ठ प्रोफेसर, कर्नाटक थिएटर के अग्रदूत माने जाते हैं। वे हेगुड्डु, कर्नाटक में निवास करते हैं और अपने निर्देशन से भारतीय रंगमंच को समृद्ध कर चुके हैं। उनके द्वारा निर्देशित प्रमुख नाटकों में तुगलक, गांधी, गैलीलियो, आचार्य तारतुफ, लाल घास पर नीले घोड़े, उत्तररामचरित, एक लोककथा, शाकुंतलम, हेमलेट, सीमा पार आदि शामिल हैं। इससे पूर्व, उन्होंने ‘इंडियन मेथड ऑफ एक्टिंग’ पुस्तक भी लिखी, जो भारत में अभिनय की पद्धतियों पर केंद्रित है।

कार्यक्रम में गणमान्य अतिथियों की भागीदारी

इस गरिमामय आयोजन में वरिष्ठ रंगकर्मी एवं नाटककार रत्ना पणिक्कर, अनिल शर्मा, आलोक शुक्ला, कावालम पद्मनाभन, रिंकल शर्मा के साथ-साथ युवा निर्देशक, नाटककार और अभिनेता सुनील चौहान, साक्षी, तुषार चमोला, प्रताप सिंह, विजयलक्ष्मी और टेकचंद भी उपस्थित रहे।

वालंटियर्स की सराहनीय भूमिका

कार्यक्रम की भव्यता और व्यवस्थित संचालन में वालंटियर्स की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण रही। उनके सहयोग से यह आयोजन एक यादगार अवसर बना, जिसने रंगमंच प्रेमियों को एक नई दिशा देने का कार्य किया।

निष्कर्ष

नोएडा में आयोजित यह कार्यक्रम न केवल रंगकर्मियों के लिए प्रेरणादायक रहा, बल्कि इसने रंगमंच और अभिनय की दुनिया में एक नई रोशनी डाली। ‘एक्टिंग एंड बियॉन्ड’ पुस्तक का विमोचन और अभिनय कार्यशाला, दोनों ही रंगकर्मियों के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर सिद्ध हुए। इस प्रकार, यह आयोजन भारतीय रंगमंच के क्षेत्र में एक नई ऊर्जा और उत्साह का संचार करने में सफल रहा।

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