दोस्तों इस वर्ष 10 मई 2024 को अक्षय तृतीया मनाया जा रहा है। हमने लोगों को कहते सुना होगा कि इस दिन दान-पुण्य करना चाहिए, सोना खरीदना चाहिए, लक्ष्मी पूजन करना चाहिए इत्यादि । आइए समझते हैं क्यों है ये दिन खास? क्या है इस दिन का महत्व ? विस्तार से समझते हैं ।
क्या है अक्षय तृतीया ?
मीनिंग – संस्कृत में, अक्षय (अक्षय) शब्द का अर्थ होता है “कभी न घटने वाला” । तृतीया (तृतिया) का अर्थ “चंद्रमा का तीसरा चरण” से है। यदि अक्षय तृतीया को एक साथ बोला या पढ़ा जाए तो इसका मतलब ” कभी न घटने वाली समृद्धि, आशा, खुशी या सफलता है। और तृतीया का मतलब ही होता है – तीसरा दिन, हिंदू कैलेंडर के वैशाख माह के तीसरे चंद्र दिवस पर मानते हैं अक्षय तृतीया।
अक्षय तृतीया मुख्यतः हिन्दुओं और जैनों द्वारा मनाया जाने वाला एक त्योहार है जो भारत और नेपाल के कई क्षेत्रों में विभिन्न तरीकों और रीति-रिवाजों से मनाया जाता है। यह नए प्रयासों, विवाह, धर्मार्थ, और सोने या अन्य सम्पत्ति में निवेश के लिए भी शुभ माना जाता है। यह दिन स्त्रियों के लिए क्षेत्रीय रूप से महत्वपूर्ण होता है, जो अपने जीवन में अपने पति के भले के लिए प्रार्थना करती हैं या फिर उनके लिए जो भविष्य में उनसे विवाह कर सकते हैं। उनके बाद वे अंकुरित चने, ताज़ा फल और भारतीय मिठाई वितरित करती हैं। अगर अक्षय तृतीया को सोमवार (रोहिणी) को पड़ता है, तो यह पर्व और भी शुभ माना जाता है। उपवास, धर्म, और परोपकार करना इस दिन के लिए खास होता है।

अक्षय तृतीया को क्या करना शुभ होता है?
अक्षय तृतीया के दिन माता लक्ष्मी की विधिवत पूजा करना शुभ होता है। इस दिन विष्णु सहस्त्रनाम और श्रीसूक्त या रामरक्षा स्त्रोत का पाठ करना भी शुभ होता है। अक्षय तृतीया के दिन पितरों के नाम से दान-पुण्य के कार्य किए जाते हैं। इस दिन गंगाजल से स्नान करना भी शुभ माना गया है। कहते हैं कि जितना बडा दान उतना बडा उसका प्रतिफल मिलता है। लोग इस दिन सोना, जमीन, आभूषण इत्यादी का दान ब्राह्मणों को करते हैं। मान्यता है की सोना या अन्य बड़ी खरीददारी इसी दिन करने से आर्थिक समस्याएँ दूर हो जाती हैं।
अक्षय तृतीया का शुभ मुहूर्त क्या है?
अक्षय तृतीया का शुभ मुहूर्त नहीं होता, पूरा दिन ही शुभ माना जाता है। इसकी तिथि ही शुभ है। इसकी पूजा करने से लेकर उपवास और भोग लगाने तक सबकुछ आपकी भक्ति और सामर्थ्य पर निर्भर करता है । तृतीया तिथि की शुरुआत इस बार 10 मई 2024 को सुबह 4 बजकर 17 मिनट पर होगी और समापन 11 मई को रात 2 बजकर 50 मिनट पर होगा।
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अक्षय तृतीया का महत्व
ऐसा कहा जाता है कि इस दिन सोना और अचल संपत्ति खरीदने से भविष्य में सफलता और भाग्य मिलता है। लोग नए व्यवसाय भी शुरू करते हैं, नए रोजगार अपनाते हैं, गृह प्रवेश भी करते हैं। अक्षय तृतीया पर स्टेनलेस स्टील, तांबे या पीतल से बने नए बर्तनों की खरीदारी भी की जा सकती है। ऐसा करना भी शुभ और लाभकारी होता है। माना जाता है कि इस दिन जो भी कार्य शुरू किया गया है वह भविष्य में कम बाधाओं के साथ अनिश्चित काल तक बढ़ता है और इस दिन अच्छे कार्य करने से शाश्वत समृद्धि और धन की प्राप्ति होती है।
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