जया प्रदा हैं फरार, जानिए क्या है मामला, यूपी पुलिस कर रही तलाश?
पूर्व सांसद जया प्रदा के लिए मुश्किलें बढ़ीं: अदालत ने कार्रवाई के आदेश दिये
अभिनेत्री और पूर्व सांसद जया प्रदा की कानूनी मुश्किलों ने गंभीर मोड़ ले लिया है। हाल ही में, रामपुर की एमपी एमएलए कोर्ट ने उनके खिलाफ धारा 82 के तहत कार्रवाई करने के आदेश जारी किए, क्योंकि वह निर्धारित तारीख पर अदालत में उपस्थित नहीं हुईं।

बार-बार अनुपस्थिति और गैर-जमानती वारंट:
बार-बार समन भेजे जाने के बावजूद जया प्रदा कोर्ट में पेश नहीं हुईं। यह सातवीं बार है जब अदालत के आदेशों का पालन न करने पर उनके खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया गया है।
आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन:
जया प्रदा की ये मुसीबतें 2019 के आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन के एक मामले से जुड़ी हैं। 2019 में इन्होंने BJP की तरफ से रामपुर सीट से चुनाव लड़ा लेकिन हार गईं। चुनाव के दौरान उन्होंने एक सड़क का उद्घाटन किया और एक सार्वजनिक सभा में उन्होंने आचार संहिता का उल्लंघन करते हुए कुछ आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। इस दौरान आचार संहिता के उल्लंघन के आरोप में उनके खिलाफ दो मामले दर्ज किये गये थे। इस मामले की सुनवाई वर्तमान में मजिस्ट्रेट ट्रायल कोर्ट में चल रही है, जिसमें कैमरी और स्वार पुलिस स्टेशनों में कदाचार के आरोप दर्ज हैं। गौरतलब है कि इस मामले को लेकर जया प्रदा का बयान अभी तक दर्ज नहीं किया गया है।
अदालत की प्रतिक्रिया:
उनकी लगातार अनुपस्थिति पर रामपुर की एमपी-एमएलए कोर्ट ने सख्त रुख अपनाते हुए जया प्रदा के खिलाफ धारा 82 के तहत कार्यवाही शुरू करने का आदेश दिया है.
गिरफ्तारी आदेश जारी:
कोर्ट के आदेश का पालन सुनिश्चित करने के लिए कोर्ट ने जया प्रदा की गिरफ्तारी के आदेश जारी कर दिए हैं. इसके लिए एक विशेष पुलिस निरीक्षक की नियुक्ति की गयी है. पुलिस अधीक्षक को गिरफ्तारी वारंट के निष्पादन के लिए एक टीम गठित करने का निर्देश दिया गया है.
पृष्ठभूमि और राजनीतिक संदर्भ:
जया ने, 2004 के आम चुनावों के दौरान रामपुर संसदीय निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ा और सफल रहीं। इन्होंने चुनाव आचार संहिता के दौरान, रामपुर स्वर इलाक़े की महिलाओं को बिंदी वितरण किया था। 2004 से 2014 तक वो रामपुर की MP रहीं, बाद में 2019 में बीजेपी उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ने वाली जया प्रदा को रामपुर से हार का सामना करना पड़ा. उनके प्रतिद्वंद्वी सपा उम्मीदवार आजम खान विजयी रहे। गौरतलब है कि जया प्रदा इससे पहले दो बार सपा के टिकट पर भी लोकसभा में रामपुर का प्रतिनिधित्व कर चुकी हैं।
निष्कर्ष:
आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन के कारण उनकी कानूनी परेशानियां बढ़ने के साथ, जया प्रदा को आगे की कानूनी कार्यवाही का सामना करना पड़ेगा। मामले की सुनवाई अगले महीने फिर से होनी है। अपडेट के लिए जुड़े रहें SB न्यूज से।