मधुमेह (sugar ) क्या है ?
डायबिटीज (Diabetes) ya मधुमेह एक जीवन भर रहने वाली स्थिति है जिसके कारण आपके रक्त में शर्करा/glucose का स्तर बहुत अधिक हो जाता है।
रक्त में शर्करा को ग्लूकोज के रूप में भी जाना जाता है, यह आपके शरीर की ऊर्जा का मुख्य श्रोत है। यह आपके द्वारा खाए जाने वाले भोजन से आता है, विशेष रूप से ब्रेड और आलू जैसे कर्बोहैड्रेट्स से।
ग्लूकोज़ को रक्तप्रवाह के माध्यम से शरीर के चारों ओर की कोशिकाओं तक ले जाया जाता है ताकि उन्हें काम करने के लिए ऊर्जा मिल सके। जब रक्तप्रवाह में ग्लूकोज़ होता है , तो अग्नाशय (पेट के पास का एक अंग ) इंशुलिन नामक एक हार्मोन ( एक रासायनिक संदेशवाहक ) बनाता है। इंशुलिन शरीर की कोशिकाओं को ग्लूकोज़ को अवशोषित करने और इसे ऊर्जा के रूप में उपयोग करने के लिए कहता है।

मधुमेह वाले किसी व्यक्ति में, उनका शरीर ग्लूकोज़ को अवशोषित नहीं कर पाता क्योकि उनके इंशुलिन में कोई समस्या होती है। जैसे:
- उनकी कोशिकाए ऊर्जा के लिए ग्लूकोज़ का उपयोग नहीं करती है।
- अप्रयुक्त ग्लूकोज़ उनके रक्त में रहता है और बनता रहता है।
- अतिरिक्त ग्लूकोज़ उनकी धमनियों को नुकसान पंहुचा सकता है (धमनिया पुरे शरीर में ऑक्सीजन युक्त रक्त और पोषक तत्व ले जाती है)
- यदि उनकी धमनिया क्षतिग्रस्त हो जाती है, तो इससे उनमे ह्रदय और संचार सम्बन्धी रोग विकसित होने का खतरा बढ़ सकता है।
मधुमेह (sugar ) के प्रकार क्या है ?
डायबिटीज (Diabetes) के मुखतः दो प्रकार है :
टाइप 1 – जब आपका शरीर इन्सुलिन नहीं बना पाता क्योकि आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली (जो आमतोर पर आपके शरीर को खराब बैक्टीरिया और वायरस से बचती है ) इसे बनाने वाली कोशिकाओं को नष्ट कर देती है।
टाइप 2 – जब आपका शरीर पर्याप्त इन्सुलिन नहीं बनाता है या आपका शरीर अपने द्वारा बनाये गए इन्सुलिन का ठीक से उपयोग नहीं करता है।
मधुमेह से पीड़ित लगभग 12 में से 1 व्यक्ति को टाइप 1 मधुमेह है। टाइप 2 मधुमेह एक सामान्य स्थिति है। कभी – कभी, गर्भवती महिलाओ को मधुमेह हो सकता है जो आमतौर पर जन्म देने के बाद गायब हो जाता है। इस प्रकार के मधुमेह को गर्भावधि मधुमेह कहा जाता है।

मधुमेह का कारण क्या है ?
टाइप 1 मधुमेह का कारण अज्ञात है। वैज्ञानिक समझते है कि टाइप 1 मधुमेह के कारण शरीर इंशुलिन बनाने वाली कोशिकाओं पर हमला करता है।
टाइप 2 मधुमेह का कारण इन्सुलिन के निर्माण या उपयोग की मात्रा में समस्या है। शरीर अपने रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित नहीं कर सकता इसलिए वे बढ़ते रहते है। इसे अक्सर इससे जोड़ा जाता है :
- शारीरिक रूप से निष्क्रिय होना
- अधिक वजन या मोटापा होना
- टाइप 2 मधुमेह का पारिवारिक इतिहास होना
- प्री-डायबटीज़ होना – जब आपके रक्त शर्करा का स्तर सामान्य सीमा से ऊपर हो लेकिन इतना अधिक न हो कि मधुमेह का निदान किया जा सके।
यह आमतौर पर धीरे-धीरे विकसित होता है और 40 वर्ष से अधिक वयस्कों को प्रभावित करता है। लेकिन यह किसी भी उम्र में विकसित हो सकता है और यदि आपकी पृष्ठभूमि दक्षिण एशियाई , अफ़्रीकी कैरेबियाई या अश्वेत एशियाई है, तो आपको टाइप 2 मधुमेह विकसित होने का खतरा बढ़ सकता है।

डायबिटीज (Diabetes) के लक्षण
- धुंधली दृष्टि
- बहुत थकान महसूस हो रही है।
- बहुत प्यास लग रही है।
- बिना प्रयास किये वजन कम करना है।
- ऐसी सांस लेना जिसमे फल जैसी गंध आती हो।
- सामान्य से अधिक पेशाब आना, विषेशकर रात के समय में।
- गुप्तांगो में खुजली होना या थ्रश होना जो बार – बार आता रहता है।
- कट, खरोच होना।
डायबिटीज (Diabetes) का निदान कैसे किया जाता है ?
टाइप 1 और टाइप 2 मधुमेह का निदान आमतौर पर doctor से मिलकर कर सकते हैं। डॉक्टर ब्लड टेस्ट कर के आपके diabetes को कन्फर्म कर सकता है। फिर दवाइयों का सेवन और अपने लाइफ स्टाइल में परिवर्तन कर आप इस बीमारी के साथ लड़ सकते हैं। इसके अलावे इन कामों को कर के भी आप इस बीमारी को कंट्रोल कर सकते हैं।
- ब्लड शुगर की नियमित रूप से जांच करें डायबिटीज को प्रभावी ढंग से कंट्रोल करने के लिए नियमित रूप से अपने ब्लड शुगर लेवल की जांच करना जरूरी है।
- रोजाना 30 मिनट एक्सरसाइज करें।
- खूब पानी पिएं
- बैलेंस्ड डाइट लें
- पर्याप्त नींद लें