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भारत मुक्ति मोर्चा ने EVM Ban करने की मांग को लेकर अपनी आवाज बुलंद की है और इसे लेकर कलेक्ट्रेट के बाहर धरना-प्रदर्शन किया। पार्टी के कार्यकर्ताओं ने ‘ईवीएम हटाओ, लोकतंत्र बचाओ‘ के नारे लगाए और अपनी मांगों को सुनाने के लिए चुनाव आयोग के घेराव की चेतावनी भी दी है।

कोर्ट का फैसला

पार्टी के महासचिव, जगदेव सिंह ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने 2013 में एक ऐतिहासिक फैसले में यह कहा था कि ईवीएम मशीन से मुक्त, निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव नहीं हो सकता, इसलिए ईवीएम के साथ VVPET मशीन का अनिवार्य इस्तेमाल होना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह एक महत्वपूर्ण निर्णय है जो लोकतंत्र को बचाने के लिए अभियांत्रिक तंत्र को बदल सकता है।

जगदेव सिंह ने मशीन में वोटर्स के वोटों का सत्यापन करने की अभावना से नागरिकों के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन हो रहा है और इससे लोकतंत्र की हत्या हो रही है। इसमें वीवीपीएटी के पर्चियों का 100 प्रतिशत मिलान करने से ही मुक्त, निष्पक्ष एवं पारदर्शी चुनाव हो सकता है।

देश में 567 जिलों में प्रदर्शन

पूरे देश में 567 जिलों में इस मुहिम का समर्थन किया जा रहा है, और पार्टी के कार्यकर्ताओं ने जिला हेडक्वार्टर पर विरोध प्रदर्शन किया है। उन्होंने कहा कि हमारे वोटों की चोरी हो रही है और हमारा वोट का मूल्य शून्य कर दिया गया है।

ईवीएम की जगह बैलट पेपर से चुनाव

सबकुछ मिलाकर पार्टी ने 20 सूत्रीय मांगों को लेकर राष्ट्रपति के नाम जिलाधिकारी को ज्ञापन दिया है, जिसमें ईवीएम की जगह बैलट पेपर से चुनाव कराने की मांग भी शामिल है।

इस प्रकार, भारत मुक्ति मोर्चा ने अपने मांगों को लेकर जनता को जागरूक करने का कार्य किया है और लोकतंत्र के रक्षक के रूप में उत्कृष्टता प्रदर्शित की है। यह आंदोलन एक महत्वपूर्ण दौर में है, जिसमें लोग अपने अधिकारों की रक्षा के लिए उत्साहित हो रहे हैं और चुनाव प्रक्रिया को सुरक्षित और पारदर्शी बनाने की मांग कर रहे हैं।”

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