India vs Maldives: चीन से लौटने पर मुइज्जू के बड़े भाव 😲

India vs Maldives: चाइना से वापस आने के बाद मोइज्जु ने एक बड़ा बयान देकर मालदीव विवाद को और लंबा खींच दिया है। मालदीव के अलोकप्रिय प्रतिनिधि मोहम्मद मुइज्जू ने एक प्रेस वार्ता में कहा: “हम छोटे हो सकते हैं, लेकिन इससे आपको हमें धमकाने का लाइसेंस नहीं मिल जाता। हम स्वतंत्र हैं। हिंद महासागर किसी एक देश का हिस्सा नहीं है और मैं किसी के पिछवाड़े में नहीं हूं।” उसने किसी देश का नाम नहीं लिया और अभी चीन से लौटा है।

चीन से आने के बाद, मोहम्मद मुइज्जू

चीन से आने के बाद, मोहम्मद मुइज्जू ने चीन के साथ अपने देश के रणनीतिक संबंधों की सराहना करते हुए कहा कि दोनों देश एक-दूसरे का सम्मान करते हैं और बीजिंग हिंद महासागर द्वीप की संप्रभुता का पूरा समर्थन करता है। मतलब चीन की जम कर तारीफ की, और बिना नाम लिए भारत को अपनी धौस दिखाने कि कोशिस। पिछले साल नवंबर में पदभार संभालने के बाद से ही मोइज्जु भारत के साथ अपने संबंधों में जानबुझ कर खटास लाने की कोसिस कर रहा है। यह किसी से छुपा नही है कि यह सब चीन के इसारे पर हो रहा है। पहले तुर्की जाना, फिर चाइना जाना, भारत से अपने सैनिक हटाने को कहना, इनके मंत्रियों द्वारा आपत्तीजनक ट्वीट करना साथ ही वहाँ लगातार “India out” जैसे भारत विरोधी कैंपेन चल रहे थे।

भारत ने हर बार मदत की है।

कोरोना काल में मालडिवीयन्स को वुहान से निकाल वापस उनके देश भेजा। 1988 में तात्कालिक सरकार के तख्तापलट को रोकने भारतीय सेना गयी। कोरोना काल में चिकित्सा राहत टीम भेजी। कोरोना के टीकों की बड़ी खेप भी मुफ्त में पहुंचाई। 2015 में मालदीव में जल संकट आया, ऑपरेशन नीर के जरिए मालदीव को पीने का पानी उपलब्ध करवाया। अस्पतालों में रेनोवेशन से लेकर रोड प्रोजेक्ट तक, भारत ने मदद की है। साल 2022 में आर्थिक चुनौतियों से निपटने के लिए 10 करोड़ डॉलर की आर्थिक सहायता दी थी. लिस्ट बहुत लंबी है। इतनी मदद के बाद भी नफरत किस बात की ?

महंगा पड़ा भारत से पंगा लेना

देखिये इस विडियो में कैसे मात्र एक ट्वीट से PM मोदी ने करारा जवाब दे डाला, वो भी बिना नाम लिए। पूरा विश्व आज मालदीव की नादानियों पर हंस रहा है, सभी को पता है कि चीन से दोस्ती किसी देश को कैसी पड़ती है।

कर्ज में डूब हुआ है मालदीव

चीन के कर्ज के कारण वित्तीय चुनौतियों का सामना करने के बावजूद मालदीव की सेना ने पहली बार सैन्य ड्रोन विमान खरीदने की योजना बनाई है। इधर भारत से भी अरबों डॉलर उधार लेने के बावजूद, मुइज़ू के नेतृत्व में मालदीव, तुर्की से लड़ाकू ड्रोन हासिल करने के लिए दुश्मन देशों से अतिरिक्त ऋण ले रहा है। इस कदम को भारत के लिए खतरे के तौर पर देखा जा रहा है और माना जा रहा है कि भारत और मालदीव के बीच तनाव से तुर्की और चीन को आर्थिक तौर पर फायदा होगा। तुर्की से कम से कम 3 लड़ाकू ड्रोनों की खरीद की प्लैनिंग में है।

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