Chandrayaan-4: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) चंद्रयान-3 की सफलता के बाद, अब चंद्रयान-4 की तैयारी शुरू हो चुकी है, जिसे हम लूपेक्स मिशन भी कह सकते हैं। यह मिशन लगभग 2028 में लॉन्च किया जाने की उम्मीद है।
चंद्रयान-4 का उद्देश्य चंद्रमा की सतह से मिट्टी के नमूने इकट्ठा करना है, और उन्हें पृथ्वी पर वापस लाना है। इससे हमें चंद्रमा के रहस्यमय संसाधनों के बारे में जानकारी मिलेगी, जैसे कि पानी, जो भविष्य में चंद्रमा पर मानव बस्तियों के लिए उपयोगी हो सकता है।
इस मिशन में भारतीय अंतरिक्ष यान GSLV Mark III या LVM 3 का उपयोग किया जा सकता है। लेकिन मिशन की सफलता नमूनों को सुरक्षित रूप से वापस लाने पर निर्भर करेगी, जो तकनीकी रूप से बहुत चुनौतीपूर्ण है।
चंद्रयान-4 का मुख्य लैंडर चंद्रयान-3 के समान होगा, लेकिन यह पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश करने और नमूनों को छोड़ने के लिए अलग हो जाएगा।
इसरो ने पहले ही विक्रम के साथ एक हॉप प्रयोग किया है, जिससे दिखा कि अंतरिक्ष यान चंद्रमा की सतह से उड़ान भर सकता है। साथ ही, ऑर्बिटर चंद्रमा से पृथ्वी पर लौट आया, जो दर्शाता है कि वापसी का रास्ता हासिल किया जा सकता है।
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चंद्रयान-4 मिशन एक नया क्षितिज खोल सकता है, और हमें चंद्रमा के रहस्यमय गहराईयों का नया पहलू दिखा सकता है। यह हमारे देश की ताकत और वैज्ञानिक अभिनवता का प्रतीक होगा।
इसरो ने अपने पूर्व मिशनों में अद्वितीय सफलताओं को हासिल किया है, और हमें उम्मीद है कि चंद्रयान-4 भी उसी प्रकार की गरिमा प्राप्त करेगा।
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