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Sleep Divorce

हाल के वर्षों में, “स्लीप डाइवोर्स” का विचार उन जोड़ों के बीच लोकप्रिय होता जा रहा है जो एक साथ सोने में कठिनाई का सामना कर रहे हैं। जब एक साथी की खर्राटे, बेचैनी, या अन्य नींद संबंधी समस्याएँ दूसरे को जगाए रखती हैं, तो अलग-अलग बिस्तरों या यहां तक कि अलग-अलग कमरों में सोना एक स्वस्थ रिश्ता बनाए रखने और अच्छी नींद की आदतों को सुनिश्चित करने का तरीका हो सकता है। इस लेख में हम स्लीप डाइवोर्स के विचार, इसके फायदे और नुकसान, और इस व्यवस्था को सफलतापूर्वक अपनाने के तरीकों की चर्चा करेंगे।

स्लीप डाइवोर्स क्या है?

स्लीप डाइवोर्स का मतलब किसी कानूनी या भावनात्मक अलगाव से नहीं है; बल्कि, यह उन जोड़ों द्वारा अपनाई जाने वाली एक व्यवस्था है जो बेहतर नींद के लिए अलग-अलग सोने का निर्णय लेते हैं। इसके कई कारण हो सकते हैं, जैसे खर्राटे, अलग-अलग नींद के शेड्यूल, बेचैन पैर, शरीर की गर्मी, या बस व्यक्तिगत जगह की आवश्यकता। कुछ जोड़े एक ही कमरे में अलग-अलग बिस्तरों में सोते हैं, जबकि अन्य पूरी तरह से अलग-अलग कमरों में सो सकते हैं।

यह विचार कुछ लोगों को अजीब लग सकता है, लेकिन इसे अनौपचारिक रूप से कई सालों से अपनाया जा रहा है। उदाहरण के लिए, पुराने जमाने में कई लोग अलग-अलग कमरों में सोते थे क्योंकि उनकी कमरे के तापमान या अन्य नींद की परेशानियों में असहमति होती थी। जहां एक समय इसे वैवाहिक समस्याओं का संकेत माना जाता था, वहीं आधुनिक जोड़े इसे एक व्यावहारिक समाधान के रूप में देख रहे हैं, ताकि दोनों साथी अच्छी तरह से सो सकें और स्वस्थ रह सकें।

एली मैक्कैन का अनुभव

सॉल्ट लेक सिटी, यूटा के वकील और ह्यूमर कॉलमनिस्ट एली मैक्कैन ने स्लीप डाइवोर्स का अनुभव संयोगवश किया। एक होटल में उन्होंने और उनके पति ने अलग-अलग बिस्तरों में सोने का निर्णय लिया और मैक्कैन को इस व्यवस्था के फायदे पता चले। उन्होंने इस अनुभव को अद्भुत बताया, मजाक में कहा कि उन्हें महसूस हुआ जैसे उनकी उम्र फिर से 20 साल की हो गई हो। मैक्कैन के घरेलू सोने की स्थिति उनके पति की सक्रिय नींद और दो कुत्तों के बिस्तर साझा करने के कारण चुनौतीपूर्ण हो गई थी। होटल में उन्होंने पहली बार लम्बे समय में बिना किसी बाधा के सोया और इससे उन्होंने अपने घर पर भी ऐसी ही व्यवस्था अपनाने पर विचार किया।

मैक्कैन की कहानी उन जोड़ों के लिए एक आदर्श उदाहरण है जो नींद की परेशानियों का सामना कर रहे हैं। हालांकि वह इसे स्थायी रूप से अपनाने की योजना नहीं बना रहे हैं, वे मानते हैं कि कभी-कभी अलग-अलग कमरों में सोने से उनकी नींद की गुणवत्ता और रिश्ते दोनों में सुधार हो सकता है।

जोड़े स्लीप डाइवोर्स पर विचार क्यों करते हैं?

कई कारण हैं जिनकी वजह से जोड़े अलग-अलग सोने का निर्णय लेते हैं। इनमें से कुछ सामान्य कारण हैं:

  • खर्राटे: एक साथी के जोरदार खर्राटे दूसरे की नींद में बाधा डाल सकते हैं।
  • बेचैनी: कुछ लोग रात में बहुत अधिक हिलते-डुलते हैं, जिससे उनके साथी की नींद में खलल पड़ता है।
  • अलग-अलग नींद के शेड्यूल: अगर एक व्यक्ति रात में देर तक जागता है और दूसरा सुबह जल्दी उठता है, तो दोनों के लिए एक ही समय पर सोना मुश्किल हो सकता है।
  • शरीर की गर्मी: कुछ लोग ठंडे रहते हैं और कुछ गर्म, जिससे दोनों के लिए एक ही तापमान पर सोना कठिन हो जाता है।
  • अनिद्रा: अगर एक साथी को नींद नहीं आती, तो उसका बार-बार करवट बदलना दूसरे की नींद में खलल डाल सकता है।
  • व्यक्तिगत स्थान: कुछ लोग आराम और शांति के लिए ज्यादा जगह चाहते हैं।

ये समस्याएँ पुरानी नींद की कमी का कारण बन सकती हैं, जिससे चिड़चिड़ापन, असंतोष, और यहां तक कि स्वास्थ्य समस्याएं भी हो सकती हैं। कई जोड़ों के लिए, स्लीप डाइवोर्स का विचार अपने साथी से दूरी बनाने के लिए नहीं है, बल्कि यह सुनिश्चित करने के लिए है कि दोनों व्यक्ति अच्छी तरह से सोएं और इसलिए अधिक खुश और स्वस्थ रहें।

स्लीप डाइवोर्स पर चर्चा

स्लीप डाइवोर्स के विचार को तब और अधिक लोकप्रियता मिली जब कुछ मशहूर हस्तियों ने इस व्यवस्था से मिले सकारात्मक अनुभवों को साझा किया। उदाहरण के लिए, टेलीविजन होस्ट कार्सन डेली और उनकी पत्नी सिरी डेली ने अपने चौथे बच्चे के जन्म के समय अलग-अलग कमरों में सोना शुरू किया। कार्सन ने खुले तौर पर कहा कि इस व्यवस्था ने उनकी नींद और उनके रिश्ते दोनों में सुधार किया। उन्होंने इसे उनके लिए सबसे अच्छी चीज बताया, और कहा कि वे दोनों इस व्यवस्था में बेहतर सोते हैं।

इसी तरह, अभिनेत्री कैमरन डियाज ने भी विवाहित जोड़ों के लिए अलग-अलग कमरों की व्यवस्था का समर्थन किया है। दिसंबर 2023 में उन्होंने सुझाव दिया कि समाज को इस विचार को सामान्य मानना चाहिए, और पर्याप्त नींद पाने के महत्व पर जोर दिया।

अमेरिकन एकेडमी ऑफ स्लीप मेडिसिन द्वारा 2023 में किए गए एक ऑनलाइन सर्वेक्षण में पाया गया कि एक तिहाई से अधिक अमेरिकी वयस्क अपने साथी की नींद में खलल डालने से बचने के लिए कभी-कभी या लगातार दूसरे कमरे में सोते हैं। यह दर्शाता है कि स्लीप डाइवोर्स उतना असामान्य नहीं है जितना कुछ लोग सोच सकते हैं, और यह एक समाधान है जिसे अधिक जोड़े अपनी सेहत और भलाई को प्राथमिकता देते हुए अपना रहे हैं।

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स्लीप डाइवोर्स के फायदे और नुकसान

स्लीप डाइवोर्स का विचार परंपरागत विवाह और संबंधों के विचारों को चुनौती देता है, लेकिन कई जोड़ों के लिए यह एक व्यावहारिक और फायदेमंद समाधान हो सकता है। आइए स्लीप डाइवोर्स के कुछ प्रमुख फायदे और संभावित नुकसान पर नजर डालें।

स्लीप डाइवोर्स के फायदे

  1. बेहतर नींद की गुणवत्ता: स्लीप डाइवोर्स का सबसे स्पष्ट फायदा है बेहतर नींद। जब आप अपने साथी के खर्राटों, बेचैन गतिविधियों, या अलग-अलग नींद के शेड्यूल से परेशान नहीं होते हैं, तो आपके पूरी रात सोने की संभावना अधिक होती है। इससे आपका मूड बेहतर होता है, ऊर्जा बढ़ती है, और संपूर्ण स्वास्थ्य में सुधार होता है।
  2. असंतोष में कमी: जब एक साथी लगातार दूसरे की आदतों के कारण नींद खो देता है, तो यह निराशा और असंतोष का कारण बन सकता है। अलग-अलग सोने से, दोनों साथी ताजगी महसूस करते हैं, जिससे रिश्ते में विवाद कम हो सकते हैं।
  3. दैनिक इंटरैक्शन में सुधार: जब दोनों साथी अच्छी तरह से सोते हैं, तो वे दिन में एक-दूसरे के साथ सकारात्मक रूप से बातचीत करने की संभावना रखते हैं। इससे बेहतर संवाद, अधिक स्नेह, और समग्र रूप से मजबूत संबंध बन सकते हैं।
  4. व्यक्तिगत स्थान: अपना बिस्तर या कमरा होना आपको आराम और शांत महसूस करने के लिए आवश्यक व्यक्तिगत स्थान प्रदान कर सकता है। यह उन लोगों के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण हो सकता है जो अपने अकेले समय को पुनः ऊर्जा प्राप्त करने का तरीका मानते हैं।
  5. कस्टमाइजेबल नींद का वातावरण: अलग-अलग सोने से प्रत्येक साथी को अपना आदर्श नींद का वातावरण बनाने का मौका मिलता है। चाहे वह कमरे का तापमान हो, गद्दे का प्रकार हो, या लाइटिंग हो, प्रत्येक व्यक्ति अपने स्थान को सर्वश्रेष्ठ संभव नींद के लिए सेट कर सकता है।

स्लीप डाइवोर्स के नुकसान

  1. नजदीकी का नुकसान: स्लीप डाइवोर्स का सबसे बड़ा नुकसान शारीरिक नजदीकी और अंतरंगता में कमी हो सकता है। बिस्तर साझा करना जोड़ों के लिए एक महत्वपूर्ण तरीका हो सकता है, जिससे वे गले मिलते हैं और एक मजबूत शारीरिक संबंध बनाए रखते हैं।
  2. सामाजिक कलंक: स्लीप डाइवोर्स की बढ़ती लोकप्रियता के बावजूद, इसके विचार में अभी भी सामाजिक कलंक जुड़ा हुआ है। कुछ लोग इसे रिश्ते में समस्याओं का संकेत मान सकते हैं, जिससे दोस्तों या परिवार से निर्णय का सामना करना पड़ सकता है।
  3. भावनात्मक दूरी का संभावित खतरा: अगर सावधानीपूर्वक नहीं संभाला गया, तो अलग-अलग सोना जोड़ों के बीच भावनात्मक दूरी का कारण बन सकता है। बिस्तर पर साथ जाने की रात की दिनचर्या के बिना, जोड़ों को समय के साथ कम जुड़ा हुआ महसूस हो सकता है।
  4. लॉजिस्टिक चुनौतियां: उन जोड़ों के लिए जो छोटे घरों या अपार्टमेंट्स में रहते हैं, अलग-अलग सोने के लिए जगह ढूंढ़ना चुनौतीपूर्ण हो सकता है। इसके अलावा, इसमें अतिरिक्त खर्च भी शामिल हो सकता है, जैसे एक और बिस्तर खरीदना या अलग कमरा सेट करना।
  5. साथ रहने के समय में समझौता: स्लीप डाइवोर्स नींद की गुणवत्ता में सुधार कर सकता है, लेकिन इसका मतलब यह भी हो सकता है कि जोड़े सोने से पहले के शांत क्षणों को खो देते हैं, जब वे आम तौर पर बात करते हैं, गले मिलते हैं, या बस एक-दूसरे की मौजूदगी का आनंद लेते हैं।

स्लीप डाइवोर्स पर विशेषज्ञों की राय

जहां कुछ विशेषज्ञ जोड़ों को रिश्ते के लिए एक साथ सोने की सलाह देते हैं, वहीं अन्य मानते हैं कि अलग-अलग सोना एक स्वस्थ विकल्प हो सकता है, यह जोड़े की विशिष्ट परिस्थितियों पर निर्भर करता है।

स्लीप डाइवोर्स के पक्ष में

न्यूयॉर्क की कपल्स थेरेपिस्ट तामारा ग्रीन ने देखा है कि स्लीप डाइवोर्स उनके मरीजों के रिश्तों और प्रेम जीवन में सुधार करता है। ग्रीन के अनुसार, अलग-अलग सोने पर भी एक मजबूत शारीरिक संबंध बनाए रखना पूरी तरह से संभव है। उनका कहना है कि अच्छी नींद लेने वाले लोग अधिक संभावना रखते हैं कि वे प्रभावी ढंग से संवाद करें और एक-दूसरे की भावनात्मक और शारीरिक जरूरतों को पूरा करें।

ग्रीन यह भी सलाह देती हैं कि स्लीप डाइवोर्स के विचार को अपने साथी के साथ कैसे उठाया जाए। वह बातचीत की शुरुआत सकारात्मक पुष्टि के साथ करने का सुझाव देती हैं, जो रिश्ते के बारे में सकारात्मक हैं, उसके बाद नींद की समस्याओं का सौम्य तरीके से समझाया जाए। समावेशी भाषा का उपयोग करने और दोनों साथियों के लाभों पर ध्यान केंद्रित करने से बातचीत कम टकरावपूर्ण हो सकती है।

इसके अलावा, ग्रीन जोड़ों को दिन के दौरान नियमित डेट नाइट्स शेड्यूल करने, स्नेह के लिए समय को प्राथमिकता देने, और यह सुनिश्चित करने के लिए सलाह देती हैं कि शारीरिक संबंध उनके रिश्ते का हिस्सा बना रहे।

एक साथ सोने के पक्ष में

दूसरी ओर, न्यू जर्सी के आरडब्ल्यूजे बर्नाबास हेल्थ में स्लीप एक्सपर्ट डॉ. कैरल ऐश मानते हैं कि जोड़ों को जब भी संभव हो एक साथ सोने का प्रयास करना चाहिए। डॉ. ऐश के अनुसार, साथी के साथ सोने से नींद के पैटर्न का समन्वय हो सकता है, जिससे नींद की गुणवत्ता में सुधार हो सकता है। वह यह भी बताती हैं कि साथ सोना बंधन के हार्मोन, जैसे ऑक्सीटोसिन के स्राव को बढ़ा सकता है, जो स्वस्थ और खुशहाल संबंध बनाए रखने के लिए आवश्यक होते हैं।

डॉ. ऐश जोड़ों को सलाह देती हैं कि वे अलग सोने के निर्णय से पहले अपनी नींद की समस्याओं के मूल कारणों की जांच करें। उदाहरण के लिए, अगर समस्या खर्राटों में है, तो वह चिकित्सा हस्तक्षेप का सुझाव देती हैं बजाय तुरंत अलग-अलग बिस्तरों में सोने के। यदि समस्या रिश्ते के टकराव में निहित है, तो यह महत्वपूर्ण है कि उन मुद्दों को सीधे संबोधित किया जाए, बजाय इसके कि स्लीप डाइवोर्स का उपयोग करके उन समस्याओं से बचा जाए।

स्लीप डाइवोर्स को सफलतापूर्वक अपनाने के तरीके

उन जोड़ों के लिए जो यह तय करते हैं कि स्लीप डाइवोर्स उनके लिए सही विकल्प है, कई रणनीतियां हैं जो इस व्यवस्था को अपनाने में मदद कर सकती हैं, बिना अंतरंगता या संबंध खोए।

  1. खुले में संवाद करें: किसी भी बदलाव को करने से पहले, अपने साथी के साथ एक खुली और ईमानदार बातचीत करना आवश्यक है। अपनी नींद की समस्याओं, अलग-अलग सोने की इच्छा, और इसके रिश्ते के लिए संभावित फायदों पर चर्चा करें। अपने साथी की चिंताओं को भी ध्यान से सुनें और उन्हें साथ में हल करें।
  2. धीरे-धीरे शुरू करें: सीधे पूर्णकालिक स्लीप डाइवोर्स में कूदने के बजाय, एक परीक्षण अवधि के साथ शुरू करने पर विचार करें। उदाहरण के लिए, आप सप्ताह में तीन रातें अलग-अलग सो सकते हैं और अन्य रातों में एक साथ। इससे आपको दोनों को नई व्यवस्था के साथ समायोजित होने और यह देखने में मदद मिल सकती है कि क्या यह आपके लिए काम करता है।
  3. शारीरिक स्नेह को प्राथमिकता दें: सिर्फ इसलिए कि आप अलग-अलग बिस्तरों में सो रहे हैं इसका मतलब यह नहीं है कि आपको शारीरिक स्नेह से दूर रहना चाहिए। दिन में गले मिलने, स्पर्श करने, और समय बिताने की कोशिश करें, और सोने से पहले साथ समय बिताएं, भले ही आप अंततः अलग सोएं।
  4. साथ समय शेड्यूल करें: यह महत्वपूर्ण है कि आप अपनी रिश्ते को प्राथमिकता देना जारी रखें, भले ही आप एक बिस्तर साझा नहीं कर रहे हों। नियमित डेट नाइट्स शेड्यूल करें, उन गतिविधियों की योजना बनाएं जो आप दोनों को पसंद हैं, और अर्थपूर्ण बातचीत के लिए समय निकालें। इससे आपके भावनात्मक संबंध को बनाए रखने में मदद मिल सकती है।
  5. लंबी अवधि की जरूरतों पर विचार करें: जबकि स्लीप डाइवोर्स कुछ समय के लिए एक शानदार समाधान हो सकता है, यह महत्वपूर्ण है कि आप समय के साथ अपनी आवश्यकताओं और प्राथमिकताओं का पुनर्मूल्यांकन करें। कुछ जोड़ों के लिए, अलग-अलग सोना एक विशेष रूप से तनावपूर्ण या व्यस्त समय के दौरान एक अस्थायी समाधान हो सकता है, जबकि अन्य को यह लंबे समय के लिए सबसे अच्छा लगता है।

निष्कर्ष

स्लीप डाइवोर्स एक ऐसा विचार है जो परंपरागत विवाह और संबंधों के विचारों को चुनौती देता है, लेकिन कई जोड़ों के लिए, यह नींद संबंधी समस्याओं का एक व्यावहारिक और फायदेमंद समाधान हो सकता है। नींद और रिश्ते दोनों की सेहत को प्राथमिकता देकर, जोड़े एक ऐसा संतुलन पा सकते हैं जो उनके लिए काम करता है। चाहे वह साथ सोना हो, अलग-अलग सोना हो, या दोनों का संयोजन हो, महत्वपूर्ण यह है कि खुले में संवाद किया जाए, लचीला रहा जाए, और यह सुनिश्चित किया जाए कि दोनों साथी को मूल्यवान और सम्मानित महसूस हो।

अंततः, हर रिश्ता अद्वितीय है, और जो एक जोड़े के लिए काम करता है, वह दूसरे के लिए काम नहीं कर सकता। महत्वपूर्ण यह है कि एक ऐसा समाधान पाया जाए जिससे दोनों साथी को अच्छी नींद मिल सके और एक मजबूत और प्यारभरा संबंध बनाए रखा जा सके।

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