द्वारका धाम रहस्य: भारतीय साहित्य और पौराणिक कथाओं में स्थलों का महत्व बहुत उच्च माना गया है। इन कथाओं में एक ऐसा ही महत्वपूर्ण स्थान है द्वारका, जो महाभारत काल में भगवान कृष्ण के नगरी के रूप में उपस्थित था। यहां हम जानेंगे कि कैसे इस प्राचीन नगरी ने समुद्र में डूबने का रहस्य बन गया।
द्वारका: एक धार्मिक और रहस्यमय स्थान
- भगवान कृष्ण का नगरी: द्वारका गुजरात के पश्चिमी तट पर स्थित है और इसे भगवान कृष्ण की राजधानी माना जाता है।
- पौराणिक कथाओं का अनुसार: द्वारका का समुद्र में डूबना और उभरना कई बार हुआ है, जैसा कि पौराणिक कथाओं में उल्लिखित है।
द्वारका के रहस्यमय तथ्य
- महल की महिमा: द्वारका में भगवान कृष्ण के भव्य महल का जिक्र है, जो सोने और चांदी से बना था।
- 700 द्वारों का नगर: इसके नाम का अर्थ भी द्वारका पड़ा है क्योंकि यहां पर 700 द्वार थे।
- गोमती द्वारका: द्वारका को “गोमती द्वारका” भी कहा जाता है क्योंकि यह गोमती नदी के मुहाने पर स्थित है।
क्यों डूबी द्वारका
- जरासंध के शाप: महाभारत के युद्ध के बाद, गांधारी ने श्रीकृष्ण को शाप दिया कि द्वारका नगरी समुद्र में डूब जाएगी। यही कारण है कि द्वारका समुद्र में डूबी।
द्वारका एक ऐतिहासिक और धार्मिक स्थल होने के साथ-साथ एक रहस्यमय स्थान भी है। इसकी कहानी और उसका रहस्य आज भी लोगों को आकर्षित करता है और इसे एक अद्वितीय स्थल बनाता है।
नोट: यह कथा पौराणिक है और इसे मात्र धार्मिक मान्यताओं के दृष्टिकोण से लिखा गया है। किसी भी इतिहासिक सत्यता की पुष्टि के लिए विश्वसनीय स्रोतों की जाँच की जानी चाहिए।
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