किसान आन्दोलन : पंजाब और हरियाणा के किसानों का आंदोलन नए मोड़ पर आगया है। केंद्र सरकार द्वारा प्रस्तावित मानदंडों को लेकर किसानों की नाराजगी बढ़ गई है और अब उन्होंने 21 फरवरी को दिल्ली कूच करने का फैसला किया है। यहां जानिए किसानों की मांगों और सरकारी प्रस्तावों के बीच क्या है विवाद।
किसानों की मांगें
- एमएसपी पर गारंटी: किसानों की मुख्य मांग है कि उन्हें उनकी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर गारंटी दी जाए।
- कृषि ऋण माफी: उन्हें अपने ऋणों की माफी की मांग है ताकि उनका कर्जा साफ हो सके।
- न्याय: लखीमपुर खीरी हिंसा में मारे गए किसानों के परिवारों को न्याय मिलने की मांग है।
- बिजली दरों में बढ़ोतरी नहीं: किसानों की बिजली दरों में बढ़ोतरी के खिलाफ मांग है।
सरकारी प्रस्ताव
- सहकारी समितियों के साथ समझौता: सरकार ने सहकारी समितियों के साथ एमएसपी पर खरीद के लिए पांच वर्षीय समझौता का प्रस्ताव दिया है।
- फसलों की खरीद पर कोई सीमा नहीं: सरकार ने बताया कि फसलों की खरीद की मात्रा की कोई सीमा नहीं होगी।
- बिजली दरों में कोई बढ़ोतरी नहीं: बिजली दरों में कोई बढ़ोतरी नहीं की जाएगी।
दिल्ली कूच की तैयारी
21 फरवरी को किसान दिल्ली कूच करने की तैयारी में हैं। उन्हें सरकारी प्रस्तावों को अस्वीकार करते हुए अपनी मांगों की पूर्ति के लिए दिल्ली मार्च का आह्वान है।
#WATCH | Shambhu Border | Farmer leaders reject the Government’s proposal over MSP.
— ANI (@ANI) February 19, 2024
Farmer leader Sarwan Singh Pandher says, “We will move towards Delhi on February 21 at 11 am…” pic.twitter.com/kMpV4iQyhi
निष्कर्ष: किसानों और सरकार के बीच चल रहे विवाद को देखते हुए, समाधान की दिशा में समय पर चर्चा का माध्यम चुनना अत्यंत महत्वपूर्ण है। दोनों पक्षों को समझौते की दिशा में आगे बढ़ना चाहिए ताकि कृषि क्षेत्र में समृद्धि और समानता की स्थिति स्थापित हो सके।
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