गणेश चतुर्थी के अवसर पर, पूरे भारत के सम्पूर्ण क्षेत्रों में पूजा और उत्सव की तैयारियाँ तेजी से चल रही हैं। गणपती में अलग-अलग जगहों पर तरह-तरह के पंडाल और भव्य मूर्तियाँ लगाई जाती हैं। आइए आपको बताते हैं मुंबई के दो ऐसे गणपती के बारे में जो प्रतिवर्ष चर्चा का विषय बन जाते हैं। पहली मूर्ति हैं “लालबाग के राजा” के गणपति की मूर्ति । इनको देखने के लिए पूरी मुंबई उत्सुक रहती है, प्रतिवर्ष लालबाग के राजा के पंडाल में भक्तों की संख्या सबसे ज्यादा होती है। दस दिवस तक चलने वाले इस उत्सव में आम से लेकर खास तक हर कोई इनकी एक झलक पाने के लिए जरूर आता है। ऐसा माना जाता है कि यहां दर्शन करने वाले भक्तों की हर मनोकामना को भगवान गणेश पूरी करते हैं।

इसके अलावा एक ऐसे गणपति भी हैं जो पूरे राज्य में चर्चा में है। मुंबई में, सारस्वत ब्राह्मण मंडल ने मुंबई के सबसे धनी गणपति की प्रतिष्ठापना की है। यहाँ 15 फीट के गणपति की मूर्ति को 66 किलोग्राम सोने के आभूषणों और 295 किलोग्राम सोने के आभूषणों से सजाया गया है। इसे संभावित रूप से भारत की सबसे धनी मूर्ति माना जा रहा है, और इसकी विशेषता यह है कि यह प्रतिवर्ष इसी तरीके से सजाया जाता है। इसमे लगने वाले आभूषण और गहने सर्वदा चर्चा में रहे हैं। इस साल, इस महागणपति को 66.5 किलोग्राम सोने के आभूषण और 295 किलोग्राम से अधिक चांदी के साथ-साथ अन्य मूल्यवान आभूषणों से सजाया गया है।

महागणपति’ की मूर्ति के लिए 360.40 करोड़ रुपये का बीमा

इस ‘महागणपति’ की मूर्ति के लिए 360.40 करोड़ रुपये का बीमा कराया गया है। 360.40 करोड़ रुपये का बीमा कवरेज राशि में से, 38.47 करोड़ रुपये सम्पूर्ण सुरक्षा के लिए आवंटित किए गए हैं। 102 करोड़ रुपये आग और भूकंप के जोखिम को कवर करने के लिए रखे गए हैं। इसके अतिरिक्त, पंडाल और भक्तों दोनों की सुरक्षा के लिए सार्वजनिक देय कवरेज के लिए 30 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। सबसे बड़ा हिस्सा, 289.50 करोड़ रुपये की राशि वहाँ के स्वयंसेवकों और कर्मचारियों की सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए, व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा कवर के लिए समर्पित है।

सुरक्षा को और भी मजबूत बनाने के लिए, हाई-डेंसिटी कैमरे लगाए गए हैं। ‘जीएसबी सेवा मंडल’ मुंबई के ‘किंग्स सर्कल’ क्षेत्र में स्थित है और यहां आम लोगों के साथ साथ प्रमुख हस्तियाँ भी दर्शन के लिए आती हैं। यह सार्वजनिक गणेश उत्सव का 69वां वर्ष है। यहां प्रतिदिन 50 हजार भक्त भोजन करेंगे और 2 लाख से अधिक भक्त भगवान गणेश की दर्शन के लिए आएंगे।