नवरात्री पूजन हिन्दू धर्म में एक महत्वपूर्ण त्योहार है जो माँ दुर्गा की पूजा के रूप में मनाया जाता है। यह पूजा नौ दिन तक चलती है और हर दिन अलग-अलग अवतारों की पूजा की जाती है। इस लेख में हम आपको नवरात्री पूजन का सही तरीका बताएंगे जिससे आप इस त्योहार को सही ढंग से मना सकें।
नवरात्री पूजन का पहला और सबसे महत्वपूर्ण चरण है कलश स्थापना। इसमें एक कलश में गंगा जल, नारियल, पंचमृत और सुपारी डालकर उसे स्थान पर रखा जाता है जहां पूजा की जाएगी। इसके बाद देवी की पूजा की जाती है जिसमें माँ दुर्गा के अवतारों की मूर्तियां सजाई जाती हैं और उन्हें फूलों से सजाया जाता है।
नवरात्री पूजा में दूसरा महत्वपूर्ण चरण है देवी के लिए नौ बार मंत्रों का जाप करना। इसके लिए आप देवी के नौ अवतारों के मंत्रों का जाप कर सकते हैं और उन्हें ध्यान में रखते हुए अपनी पूजा कर सकते हैं।
नवरात्री पूजा में तीसरा महत्वपूर्ण चरण है प्रसाद बनाना और चढ़ावा करना। आप देवी को मिठाई, फल और पूजा के दौरान बनाए गए व्रत के भोजन का चढ़ावा कर सकते हैं। इससे आपकी पूजा स्वीकार्य होगी और आपको आशीर्वाद मिलेगा।
नवरात्री पूजन का चौथा चरण है आरती करना। आप माँ दुर्गा की आरती कर सकते हैं और उन्हें दियों की ज्योति और फूलों की माला से पूजा कर सकते हैं।
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नवरात्री पूजा का पांचवा और अंतिम चरण है विसर्जन करना। नवरात्री के नौ दिनों के बाद माँ दुर्गा की मूर्तियों को नदी में विसर्जित किया जाता है। यह एक पवित्र और धार्मिक कार्य है जो शक्ति के प्रतीक के रूप में मान्यता प्राप्त करता है।
नवरात्री पूजन का सही तरीका अपनाकर आप इस त्योहार को धार्मिक और आनंदमय बना सकते हैं। यह एक ऐसा अवसर है जब आप माँ दुर्गा की कृपा प्राप्त कर सकते हैं और अपने जीवन में सुख और समृद्धि को आमंत्रित कर सकते हैं।