द्रिक पंचांग के अनुसार, चतुर्थी तिथि पर भगवान गणेश का घर में स्वागत करने का शुभ समय दोपहर 12:39 बजे शुरू होगा। 18 सितंबर को, और दोपहर 1:43 बजे समाप्त होगा। 19 सितंबर को 10 दिवसीय गणेश उत्सव उत्सव का समापन 28 सितंबर को गणपति विसर्जन के साथ होगा।

प्रस्तावना:

भारत, धार्मिक और सांस्कृतिक विविधता का देश है, जिसमें अनगिनत त्योहार और उत्सव मनाए जाते हैं। इनमें से एक महत्वपूर्ण और प्रिय त्योहार है “गणेश चतुर्थी” जो भगवान गणेश की पूजा के रूप में मनाया जाता है। यह त्योहार खासकर महाराष्ट्र, गुजरात, और सामान्यत: पूरे भारत में धूमधाम से मनाया जाता है। इस ब्लॉग में, हम जानेंगे गणेश चतुर्थी के महत्व को, इसकी पूजा विधि को, और इस उत्सव के पीछे के रोचक किस्से।

गणेश चतुर्थी का महत्व:

गणेश चतुर्थी का आयोजन भगवान गणेश के जन्म दिन के रूप में होता है। इस दिन को चतुर्थी तिथि के अनुसार भगवान गणेश के जन्म के रूप में मनाया जाता है, जो भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष में आता है, अक्टूबर के महीने में। गणेश चतुर्थी का महत्व है क्योंकि यह भगवान गणेश के आवागमन का अवसर है, और उन्हें अपने भक्तों की मनोकामनाओं को पूरा करने के लिए प्राप्त होते हैं।

गणेश चतुर्थी की तैयारियाँ:

गणेश चतुर्थी के लिए तैयारियों का आयोजन पहले ही शुरू होता है। लोग अपने घरों को सजाने, सफाई करने, और खास तौर पर गणेश जी के प्रतिमा की स्थापना के लिए तैयारी करते हैं। बाजारों में विभिन्न प्रकार की गणेश जी की मूर्तियां उपलब्ध होती हैं, और लोग उन्हें खरीदकर अपने घरों में लाते हैं।

गणेश चतुर्थी का त्योहार:

गणेश चतुर्थी के दिन लोग अपने परिवार और दोस्तों के साथ मिलकर इस धार्मिक त्योहार को मनाते हैं। प्रात:काल उठकर व्रत धारण करते हैं और गणेश जी की पूजा के लिए तैयार होते हैं। पूजा में गणेश चालीसा का पाठ, गीत गाने, और व्रत के अनुसार आरती की जाती है। बड़े धूमधाम से गणेश जी की मूर्ति का स्थापना किया जाता है और फिर उन्हें मिलकर पूजा किया जाता है।

गणेश विसर्जन: त्योहार का आखिरी दिन:

गणेश चतुर्थी का उत्सव प्रात:काल शुरू होता है और शाम को समाप्त होता है, लेकिन धूमधाम से। इस त्योहार का आखिरी दिन “गणेश विसर्जन” के रूप में मनाया जाता है, जिसमें गणेश जी की मूर्तियां पानी में ले जाकर विसर्जित की जाती हैं। यह त्योहार भगवान गणेश की विसर्जन के दिन को भी मनाया जाता है, जिसमें लोग गणेश जी का प्रतिमा विसर्जित करने के लिए समुद्र या नदी की ओर जाते हैं और उन्हें विदाय करते हैं, उनकी आशीर्वाद के साथ।

गणेश चतुर्थी के अद्भुत किस्से:

गणेश चतुर्थी के उत्सव के दौरान, अनगिनत किस्से और महत्वपूर्ण घटनाएँ घटती हैं। एक बार की बात है, महात्मा गांधी ने गणेश चतुर्थी के त्योहार को राष्ट्रीय स्तर पर मनाने की पहल की थी और इसका संदेश एकता और सहयोग का था। इसके अलावा, बॉलीवुड सितारों के घरों में भी इस त्योहार का धूमधाम से आयोजन किया जाता है, और वे अपने विशेष गणेश चतुर्थी पूजा को बड़े धूमधाम से मनाते हैं।

निष्कर्षण:

गणेश चतुर्थी भारतीय संस्कृति का महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो भगवान गणेश के प्रति अपनी श्रद्धा और भक्ति का प्रदर्शन करता है। यह त्योहार खुशियों और उत्सव का संकेत है, और लोग इसे धूमधाम से मनाते हैं, अपने परिवार और दोस्तों के साथ। गणेश चतुर्थी का आयोजन हमारे सामाजिक और सांस्कृतिक मूल्यों को सजीव रूप में दिखाता है, और यह एक सुंदर संदेश देता है कि भगवान की कृपा और आशीर्वाद सबके साथ हैं।