सोनम वांगचुक" कौन है! लद्दाख़ में क्यों कर रहे अनशन ? जाने सब

सोनम वांगचुक, एक प्रसिद्ध सामाजिक कार्यकर्ता और मैग्सेसे पुरस्कार विजेता, जो लद्दाख के पूर्ण राज्य और संविधान की छठी अनुसूची लागू करने की मांग को लेकर 19 फरवरी 2024 से अनशन पर बैठे हैं। उनका जन्म 1971 में लद्दाख के लेह में हुआ था।

सोनम वांगचुक शिक्षा और कार्य

  • वांगचुक ने दिल्ली विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में स्नातक की डिग्री प्राप्त की।
  • उन्होंने 1994 में “student’s for Action Against National Service” (SAFANS) नामक एक गैर-सरकारी संगठन की स्थापना की, जिसका उद्देश्य राष्ट्रीय सेवा योजना (NSS) को अनिवार्य बनाने का विरोध करना था।
  • 1997 में, उन्होंने “लद्दाख स्टडी ग्रुप” की स्थापना की, जो लद्दाख के सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक मुद्दों पर शोध और वकालत करता है।
  • 2009 में, उन्हें “लद्दाख के लोगों के अधिकारों की रक्षा” के लिए मैग्सेसे पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

उनका कार्य

  • वांगचुक ने लद्दाख के लोगों के अधिकारों, पर्यावरण संरक्षण और शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
  • उन्होंने लद्दाख में महिलाओं के सशक्तिकरण और सामाजिक न्याय को बढ़ावा देने के लिए भी काम किया है।
  • 2019 में जम्मू-कश्मीर के पुनर्गठन के बाद, वांगचुक लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा देने और संविधान की छठी अनुसूची लागू करने के लिए मुखर रहे हैं।

लद्दाख में अनशन

  • 19 फरवरी 2024 को, वांगचुक ने लद्दाख को पूर्ण राज्य और संविधान की छठी अनुसूची लागू करने की मांग को लेकर अनशन शुरू किया।
  • उनका अनशन लद्दाख के लोगों के बीच एक बड़ा मुद्दा बन गया है और हजारों लोगों ने उनके समर्थन में प्रदर्शन किया है।
  • वांगचुक ने कहा है कि वह तब तक अनशन जारी रखेंगे जब तक कि उनकी मांगों को पूरा नहीं किया जाता।

अनशन के पीछे की वजह

  • लद्दाख के लोग लंबे समय से पूर्ण राज्य का दर्जा चाहते हैं। उनका मानना ​​है कि इससे उन्हें अपनी संस्कृति, भाषा और पहचान की रक्षा करने में मदद मिलेगी।
  • वे संविधान की छठी अनुसूची को लागू करने की भी मांग करते हैं, जो आदिवासी समुदायों को स्वायत्तता प्रदान करती है।
  • उनका मानना ​​है कि यह कदम लद्दाख के लोगों को बाहरी ताकतों से बचाने में मदद करेगा।

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सोनम वांगचुक अनशन का प्रभाव

  • वांगचुक के अनशन ने लद्दाख में राजनीतिक माहौल को गरमा दिया है।
  • केंद्र सरकार ने उनकी मांगों पर विचार करने का आश्वासन दिया है।
  • लद्दाख के लोग वांगचुक के समर्थन में एकजुट हैं और वे अपनी मांगों को लेकर आंदोलन जारी रखने के लिए दृढ़ हैं।

सोनम वांगचुक लद्दाख के लोगों के लिए एक प्रेरणा हैं। उनका अनशन लद्दाख की स्वायत्तता और पहचान के लिए लड़ने का प्रतीक बन गया है। यह देखना बाकी है कि क्या सरकार उनकी मांगों को पूरा करेगी, लेकिन यह निश्चित है कि उनका आंदोलन लद्दाख के भविष्य को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

अतिरिक्त जानकारी

  • सोनम वांगचुक पर आधारित फिल्म “थ्री इडियट्स” 2009 में रिलीज हुई थी।
  • वह लद्दाख के सबसे लोकप्रिय और सम्मानित व्यक्तियों में से एक हैं।

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