kisan andolan 2024: भारतीय समाज के एक महत्वपूर्ण हिस्से के रूप में किसानों का योगदान हमेशा से महत्वपूर्ण रहा है। वे हमारे देश की आर्थिक और सामाजिक धारा का आधार हैं। हालांकि, इन किसानों की समस्याओं को लेकर सरकार और किसानों के बीच अक्सर विवाद होता रहता है। इसी तरह के एक विवाद को लेकर हाल ही में दिल्ली के बाहर के बॉर्डर पर किसानों का आंदोलन चरम पर है। इस आंदोलन के पीछे की समस्याओं को समझने के लिए हमें इसे गहराई से विश्लेषित करना होगा।
Kisan Andolan 2024 Demands
- न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) के लिए कानून की मांग
किसानों की प्रमुख मांग में से एक है MSP के लिए कानून बनाना। MSP किसानों के लिए एक सुरक्षित मूल्य निर्धारित करता है जिसे सरकार खरीदती है। यह किसानों को निश्चित आय सुनिश्चित करने में मदद करता है और उन्हें निराशा और ऋण से मुक्ति दिलाता है। इसके अभाव में, किसानों को अपने उत्पादों का बेहतर मूल्य प्राप्त करने में मुश्किल हो सकती है।
- किसान स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करने की मांग
देश के किसानों का यह अनुरोध है कि सरकार किसान स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करे। इस आयोग ने किसानों की समस्याओं का गहरा अध्ययन किया और विभिन्न सुझाव दिए हैं। किसानों का मानना है कि इन सुझावों को लागू करने से किसानों की स्थिति में सुधार हो सकता है।
- कृषि ऋण माफ करने की मांग
किसान आंदोलन में शामिल किसानों की एक और मांग है कि कृषि ऋण माफ किए जाएं। कृषि उत्पादन के लिए ऋण लेना किसानों के लिए आम प्रथा है, लेकिन कई बार इसका प्रतिभूति न कर पाने पर यह ऋण उनके ऊपर एक भार बन जाता है। इसलिए, किसानों की मांग है कि उन्हें यह ऋण माफ कर दिया जाए।
- लखीमपुर खीरी हिंसा के पीड़ितों को न्याय दिलाने की मांग
इस आंदोलन के साथ, किसानों की एक अहम मांग भी है कि लखीमपुर खीरी हिंसा में पीड़ितों को न्याय मिलना चाहिए। यह भारतीय समाज में न्याय और समानता के मूल्यों के खिलाफ हुई घटना थी, और इसके लिए जिम्मेदारों को सख्त सजा मिलनी चाहिए।
- भारत को डब्ल्यूटीओ से बाहर निकाला जाए
किसानों का कहना है कि भारत को डब्ल्यूटीओ से बाहर निकाल दिया जाए। उनका मानना है कि यह अंतरराष्ट्रीय निकाय भारतीय कृषि और उत्पादन को प्रताड़ित करता है और किसानों को अनुचित दबाव में डालता है।
- कृषि उत्पादों के आयात पर शुल्क कम करने की मांग
किसानों की एक अन्य मांग है कि कृषि उत्पादों, दूध उत्पादों, फलों, सब्जियों और मांस पर आयात शुल्क को कम किया जाए। इससे उन्हें अपने उत्पादों को अधिक बाजार मिल सकेगा और उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार होगा।
- किसानों और 58 साल से अधिक आयु के कृषि मजदूरों के लिए पेंशन योजना
देश के किसानों का एक और महत्वपूर्ण अनुरोध है कि 58 साल से अधिक आयु के कृषि मजदूरों के लिए पेंशन योजना लागू की जाए। यह उनके बाद की जीवन सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है और उन्हें अधिक आत्मनिर्भर बनाता है।
- प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में सुधार
किसानों का कहना है कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में सुधार किया जाए। उनका मानना है कि इस योजना में कई अभाव हैं और यह किसानों को वास्तविक लाभ नहीं पहुंचा रही है।
- भूमि अधिग्रहण अधिनियम का संशोधन
किसानों की एक अन्य मांग है कि भूमि अधिग्रहण अधिनियम को संशोधित किया जाए। वे चाहते हैं कि इसमें संशोधन किया जाए और किसानों को उनकी भूमि की सुरक्षा मिले।
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इसके अलावा, किसानों की यह मांग है कि वे अपने अधिकारों की सुनिश्चितता के लिए सरकार से संवाद करें और अपनी मांगों को समझाएं। वे अपने अधिकारों के लिए सड़कों पर उतरे हैं और अपनी आवाज को सुनाने के लिए लड़ रहे हैं।
इस समस्यात्मक स्थिति में, सरकार को भी किसानों की समस्याओं को गहराई से समझने और उन्हें हल करने के लिए सक्रिय रूप से काम करना चाहिए। विवादों को सुलझाने के लिए दोनों पक्षों को संवाद में रहना चाहिए और समाधान के लिए संयुक्त प्रयास करना चाहिए।
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