जय नरसिम्हा !
दोस्तों, भारत के मंदिर सीरीज में आज हम लाएँ है – अहोबिलम, श्री लक्ष्मी नरसिम्हा स्वामी मंदिर की जानकारी। अहोबिलम, आंध्र प्रदेश राज्य के करनूल जिले में स्थित एक मंदिर (तीर्थ स्थल) का नाम है। यह मंदिर आंध्र प्रदेश के प्रसिद्ध तीर्थस्थलों में से एक है। यह देवस्थान नौ मंदिरो का समूह है l
पौराणिक महत्व
पुराणों के अनुसार इस क्षेत्र में श्री प्रहलाद जी के रक्षा हेतु यहां श्री नृसिंह भगवान का अवतार हुआ, और यहां पे हिरण्यकश्यप राक्षस का वध हुआ। ऐसा माना जाता है कि जब देवताओं ने भगवान विष्णु को आधे शेर, आधे आदमी के रूप में देखा, तो उन्होंने “अहोबला” (महान शक्ति) के साथ-साथ “अहोबिला” (महान गुफा, – जिसमें वर्तमान गर्भगृह है) जैसे संस्कृत शब्दो से सम्बोधित किया। इसलिए, इस स्थान को या तो “अहोबलम” या “अहोबिलम” कहा जाता है l इस स्थान का उल्लेख ब्रह्माण्ड पुराण में मौजूद है। इस स्थान पर वह स्थान देखा जा सकता है जहां भगवान नारायण हिरण्यकश्यप को मारने के लिए पत्थर के खंभे से प्रकट हुए थे। इस स्तंभ का नाम उग्र स्तंभ है, जिसे अब तेलुगु में “उक्कू स्तंभ” कहा जाता है l अहोबिलम लक्ष्मी नरसिम्हा स्वामी मंदिर उत्कृष्ट वास्तु शिल्प कौशल का प्रदर्शन करता है। यहां दो मंदिर है- ऊपरी अहोबिलम और निचला अहोबिलम। अहोबिलम लक्ष्मी नरसिम्हास्वामी मंदिर सभी नौ मंदिरों में से मुख्य मंदिर है।
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विशेषताएं :
अहोबिलम को निचले अहोबिलम (दिगुवा अहोबिलम) और ऊपरी अहोबिलम (एगुवा अहोबिलम) में विभाजित किया गया है। ऊपरी अहोबिलम, निचले अहोबिलम से लगभग दस किलोमीटर दूर है और इसमें निम्नलिखित मंदिर शामिल हैं: अहोबिला नरसिम्हा, क्रोध नरसिम्हा, ज्वाला नरसिम्हा और मालोला नरसिम्हा। श्री योगानंद नरसिम्हा, छत्रवथ नरसिम्हा, पावना नरसिम्हा और भार्गव नरसिम्हा मंदिर, निचले अहोबिलम के अंग है I
श्रद्धालुगण यहाँ कानूनी, पारिवारिक समस्याओं और अन्य समस्याओं के समाधान के लिए भगवान नरसिम्हा देव का आशीर्वाद लेने आते हैं।
जय नरसिम्हा !
संकलनकर्ता : श्री गिरधर राव, भाग्यनगर (हैदराबाद).
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