रामायण

शेमारो टीवी ने “सम्पूर्ण -रामायण “नामक शो को पुनः प्रसारित करने का निर्णय लिया है। यह एक प्रसिद्ध धारावाहिक है जो कि वाल्मीकि रामायण पर आधारित है। इसे “रामायण “ नाम से ही प्रसारित किया जा रहा है। रामायण शो ने दर्शको को पुनः “रामायण “की महाकाव्य कथा को देखने का मौका दिया है जिसमे भगवान राम ,सीता ,लक्ष्मण ,हनुमान और अन्य पात्रो की कहानी दिखाई गई है।

“रामायण “ में श्री राम के सम्पूर्ण जीवन का चरित्र चित्रण किया गया है। इसमें बताया गया है कि किस प्रकार श्री राम मर्यादा में रहते हुए अपने सभी कर्तव्यों को पूर्ण करते है। उन्होंने एक आदर्श राजा ,पुत्र ,पति और पुत्र का अनुपम उदाहरण प्रस्तुत किया है। उन्होंने एक मानव जीवन में आने वाले सभी कष्टों का सामना करते हुए अपना जीवन व्यतीत किया है। इस महाकाव्य में बताया गया है कि किस प्रकार से ये समाज एक स्त्री को प्रताड़ित करता आया है और कोई कुछ नहीं करता। अपने सम्मान और स्वाभिमान के लिए उसे स्वयं ही कदम उठाने पड़ते है एक राजा की पुत्री , एक राजा की पुत्रवधु और एक चक्रवर्तीं राजा की पत्नि होने के बाद भी माता सीता को अकेले वनवास को भोगना पड़ा। लेकिन माता सीता ने अपने स्वाभिमान की रक्षा के लिए अपना जीवन वन में बिताया। “रामायण “ में जहां लक्ष्मण ने एक आदर्श छोटे भाई का उदाहरण प्रस्तुत किया है वहीं भरत ने भाई के रूप में एक भक्त के प्रेम को प्रस्तुत किया है। जब श्री राम को वनवास दिया जाता है तब लक्ष्मण और सीता भी उसे स्वीकार करते है जिससे हम लक्ष्मण का उनके भाई के प्रति प्रेम को देख सकते है वहीं माता सीता की उनके पति के प्रति प्रेम ,समर्पण और निष्ठा की भवना को देखा जा सकता है।

राम मन्दिर में मूर्ति स्थापना से पहले रामायण का पुनः प्रसारण

रामायण” का काव्यिक सौंदर्य और राम-लक्ष्मण-सीता की कथा ने इसे एक अद्वितीय और अमूर्त शृंगार काव्य में बदल दिया है। “रामायण” के कई भाग, जैसे कि बालकाण्ड, आयोध्याकाण्ड, किष्किन्धाकाण्ड, सुंदरकाण्ड, लवकुशकाण्ड, और उत्तरकाण्ड, में विभाजित हैं, प्रत्येक भाग में विशेष घटनाएं और सिद्धांत हैं जो “रामायण “ को एक अद्वितीय रचना बनाते हैं।

रामायण” की मुख्य कथा आदिकाव्य महाभारत से पूर्व है और इसमें भगवान राम की अद्भुत लीलाएं, धर्मपरायणता, और भक्ति का बोध है। राम, दशरथ के पुत्र, अवतारों में से एक हैं और वे मानवता के लिए आदर्श पुरुष के रूप में प्रसिद्ध हैं। उनकी जीवनी और उनके साथी लक्ष्मण, सीता, और हनुमान की कहानी ने लोगों को धार्मिक और नैतिक सिद्धांतों का पालन करने के लिए प्रेरित किया है।

राम मन्दिर में मूर्ति स्थापना से पहले रामायण का पुनः प्रसारण

रामायण” में सीता का हरण रावण द्वारा, राम का उसे खोजने का संकल्प, हनुमान का लंका में जाना, वनवास, सुग्रीव के साथ मित्रता, रावण का वध, सीता का अग्नि परीक्षा, और राम का अयोध्या में लौटकर राजा बनना “रामायण” की मुख्य घटनाएं हैं। इन घटनाओं के माध्यम से “रामायण” ने धर्म, नैतिकता, प्रेम, और विश्वास के महत्वपूर्ण सिद्धांतों को सार्थक बनाया है।

इस “रामायण” का सार्थक अर्थ इसमें छिपे हुए उपदेशों में है, जो मानव जीवन को सुखमय, शांतिपूर्ण, और उद्दीपक बनाने के लिए अपनाने चाहिए।”रामायण” की शिक्षाएं हमें समाज में जीवन कैसे जीना चाहिए और अधर्म के खिलाफ कैसे खड़ा होना चाहिए, यह सिखाती हैं।