पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव के नतीजे रविवार (3 दिसंबर) को घोषित किए जा चुके हैं। भारतीय जनता पार्टी मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में जीत चुकी है। इसका मतलब है कि पार्टी मध्य प्रदेश को बरकरार रख रही है और राजस्थान और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस से सत्ता छीन चुकी है। मध्य प्रदेश में सत्तारूढ़ भाजपा की भारी जीत को प्रदर्शित कर एक बार फिर शिवराज सिंह चौहान ने अपने नेतृत्व का लोहा मनवाया है। सरकार की विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के माध्यम से राज्य में महिलाओं के उत्थान पर उनका जोर पिछले कई वर्षों में मध्य प्रदेश की नई पहचान बन गया है। ऐसी ही एक योजना राज्य विधानसभा चुनाव से कुछ महीने पहले सीएम शिवराज सिंह चौहान द्वारा शुरू की गई थी, और यह इन चुनावों में गेम चेंजर साबित हुई। मुख्यमंत्री लाडली बहना योजना से राज्य में भाजपा को भारी लाभ हुआ है।

मुख्यमंत्री लाडली बहना योजना की पृष्ठभूमि क्या है?

मध्य पदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में, 57.7 प्रतिशत पुरुष कार्यबल का हिस्सा हैं, जबकि केवल 23.3 प्रतिशत महिलाएं ही किसी कार्यबल में भाग लेती हैं। इसी तरह, शहरी क्षेत्रों में 55.9 प्रतिशत पुरुषों की तुलना में केवल 13.6 प्रतिशत महिलाएं कार्यबल का हिस्सा हैं। इससे पता चलता है कि काम में महिलाओं की भागीदारी पुरुषों की तुलना में कम है, जिससे उनकी आर्थिक रूप से स्वतंत्र होने की क्षमता प्रभावित होती है। इस समस्या के समाधान के लिए, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री ने 28 जनवरी, 2023 को “मुख्यमंत्री लाडली बहना योजना” की घोषणा की। इस योजना के तहत, पूरे राज्य में महिलाओं को प्रति माह 1250 रुपये मिलते हैं। शुरुवात में इस योजना में 1,000 रुपये ही दिए जाते थे, फिर बाद में इसे बढ़ाकर 1,250 रुपये या 15,000 रुपये सालाना कर दिया गया। इस पहल का उद्देश्य महिलाओं पर निर्भर बच्चों के स्वास्थ्य और पोषण में सुधार करना और महिलाओं को उनकी पारिवारिक भूमिकाओं में सशक्त बनाना है। योजना के अंतर्गत ऐसी महिलाऐं अपात्र हैं, जिनके परिवार की सम्मिलित रूप से वार्षिक आय रुपये 2.5 लाख से अधिक है।

मुख्यमंत्री लाडली बहना योजना से क्या लाभ मिले ?

योजना के कार्यान्वयन से महिलाओं और उनके बच्चों के स्वास्थ्य और पोषण में वृद्धि हुई। इसके अतिरिक्त, प्रदान की गई वित्तीय सहायता से महिलाओं को अपनी पसंद के अनुसार खर्च करने की अधिक स्वतंत्रता मिली। यह समर्थन महिलाओं को स्थानीय संसाधनों का उपयोग करके स्व-रोजगार के अवसर पैदा करने और अपने परिवारों के भीतर निर्णय लेने में प्रभावी ढंग से योगदान करने में सक्षम बना रहा है। आधिकारिक वेबसाइट cmladlibahna.mp.gov.in के अनुसार, आज तक इस योजना में अबतक 1,25,05,947 आवेदकों ने आवेदन डाला है।

महिलाओं के लिए मामाजी का गिफ्ट?

27 अगस्त को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने रक्षा बंधन के त्योहार के उपलक्ष्य में भोपाल के जंबूरी मैदान में ‘लाडली बहना सम्मेलन’ का आयोजन किया। कार्यक्रम में बोलते हुए, उन्होंने ‘श्रावण मास’ की पवित्रता बताते हुए, अपनी सरकार द्वारा लाडली बहना योजना के तहत महिलाओं को दी जाने वाली वित्तीय सहायता में 25% की बढ़ोतरी की घोषणा की। यह बढ़ी हुई राशि अक्टूबर 2023 से लागू है। उन्होंने यह भी कहा कि बाद में यह राशि धीरे-धीरे बढ़ाकर 3,000 रुपये प्रति माह कर दी जाएगी ताकि महिलाओं की आर्थिक और सामाजिक स्थिति को ऊपर उठाने का लक्ष्य पूरा हो सके। इसके अलावा, उन्होंने सरकारी नौकरियों में महिलाओं को 35 प्रतिशत आरक्षण देने कि बात की। यह भी बताया कि सरकारी नौकरियों में महिलाओं के लिए आरक्षण मौजूदा 30 प्रतिशत से बढ़ाकर 35 प्रतिशत कर दिया गया है और शिक्षकों की भर्ती में यह 50 प्रतिशत होगा। इसके अलावा, उन्होंने कहा कि सरकार अगस्त 2023 से महिलाओं के लिए 450 रुपये में गैस सिलेंडर उपलब्ध कराने की स्थायी व्यवस्था करेगी।

लाड़ली बहना कनेक्शन

2018 के विधानसभा चुनावों में, भाजपा 109 सीटों पर सिमट गई, जो 230 सदस्यीय सदन में 116 के जादुई आंकड़े से 7 कम थी। पार्टी मार्च 2020 तक विपक्ष में बैठी रही जब ज्योतिरादित्य सिंधिया 18 अन्य विधायकों के साथ कांग्रेस से अलग हो गए और भाजपा में शामिल हो गए। दलबदलू विधायकों को भाजपा के टिकट पर फिर से चुना गया, जिससे राज्य विधानसभा में भाजपा को स्पष्ट बहुमत मिला।

अब, जब भाजपा 163 सीटों पर जीत चुकी है, जो 2013 में आई 165 की ऐतिहासिक संख्या के करीब है। विभिन्न क्षेत्रों में मतदान प्रतिशत और वोटों में महिलाओं की बढ़ती हिस्सेदारी के साथ, राज्य के सभी प्रशासनिक क्षेत्रों में बीजेपी का यह क्लीन स्वीप दर्शाता है कि मध्य प्रदेश में बीजेपी को एक बार फिर सत्ता में लाने में सीएम लाडली बहना योजना ने अहम भूमिका निभाई है।