moid khanMoid Khan
समाजवादी पार्टी के नेता और स्थानीय सांसद अवधेश प्रसाद के करीबी सहयोगी मोईद खान Moid Khan ने अयोध्या और उसके बाहर अपने की कारनामों के लिए कुख्यात है। तेजी से अकूत संपत्ति का बढ़ना और राजनीतिक प्रभाव के लिए जाने जाने वाले मोईद की कहानी गंभीर अपराधों के आरोपों से घिरी हुई है, जिसमें सामूहिक बलात्कार और सांप्रदायिक दंगों में शामिल होना शामिल है। यह लेख Moid Khan के सत्ता में आने, उनके विवादास्पद कार्यों और उनके सामने आने वाले कानूनी नतीजों के बारे में विस्तार से बताता है। (OpIndia में प्रकाशित लेख पर आधारित https://hindi.opindia.com/national/samajwadi-leader-moid-moeed-khan-ayodhya-rape-case-riots-accused-makes-property-worth-crores/)

प्रारंभिक जीवन और शिक्षा

सीमित शिक्षा

Moid Khan की शैक्षिक पृष्ठभूमि बहुत कम है। उसने मदरसे में पढ़ाई करते हुए केवल दूसरी कक्षा तक ही स्कूल में पढ़ाई की। इस सीमित औपचारिक शिक्षा के बावजूद, मोईद ने कम उम्र से ही विभिन्न व्यावसायिक प्रयासों में कदम रखा, जिससे उसकी महत्वाकांक्षा और उद्यमशीलता की भावना का प्रदर्शन हुआ।

भूमाफिया के तौर पर शुरुआती संघर्ष

अपने शुरुआती वर्षों में, मोईद ने कई व्यवसायों में हाथ आजमाया, लेकिन कोई भी लाभदायक साबित नहीं हुआ। जब तक वह भूमि व्यवसाय में नहीं आया, तब तक उसे वित्तीय लाभ नहीं दिखाई दिया। 18 वर्ष की आयु से, मोईद ने कांग्रेस कार्यालय में काम करना शुरू कर दिया था, जो उसके भविष्य के राजनीतिक करियर की नींव रही।

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संपत्ति का संचय

तेजी से संपत्ति संचय

पिछले 15 वर्षों में, मोईद खान ने 50 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति अर्जित की है। उसकी तेजी से संपत्ति संचय ने लोगों को चौंका दिया है, खासकर उनकी सीमित शैक्षिक पृष्ठभूमि और शुरुआती व्यावसायिक विफलताओं को देखते हुए।

भूमि सौदों में भागीदारी

मोईद की संपत्ति का प्राथमिक स्रोत भूमि सौदों में उनकी भागीदारी प्रतीत होती है। कब्रिस्तानों, सरकारी भूमि और निजी संपत्तियों पर कब्जा करने के कब्जा करने के बाद उसने बाद में उसी जमीन को बेच दिया। यह तरीका, हालांकि लाभदायक था, लेकिन स्थानीय निवासियों की ओर से कई कानूनी शिकायतों और आरोपों का कारण बना।

राजनीतिक संबंध

राजनीति में प्रवेश

मोईद का राजनीतिक करियर कांग्रेस पार्टी में शामिल होने से शुरू हुआ। उसने चुनाव अभियानों पर काम किया, अनुभव प्राप्त किया और संपर्क बनाए। 2012 में, वह समाजवादी पार्टी (सपा) में शामिल हो गया , एक ऐसा कदम जिसने उनके राजनीतिक और आर्थिक प्रभाव को काफी हद तक बढ़ा दिया।

समाजवादी पार्टी में भूमिका

2012 से, मोईद खान समाजवादी पार्टी के शहर अध्यक्ष के रूप में काम कर रहा है। पार्टी के भीतर उसकी भूमिका ने उसे अपने प्रभाव का विस्तार करने और धन संचय करने के लिए एक मंच प्रदान किया है। अवधेश प्रसाद और अखिलेश यादव सहित वरिष्ठ पार्टी नेताओं के साथ उनके घनिष्ठ संबंधों ने उनकी स्थिति को और मजबूत किया है।

विवाद और कानूनी मुद्दे

सामूहिक बलात्कार का आरोप

मोईद खान पर सबसे गंभीर आरोप अयोध्या में ओबीसी समुदाय की एक नाबालिग लड़की के साथ सामूहिक बलात्कार से जुड़ा है। इस जघन्य अपराध ने उन्हें कड़ी जांच के दायरे में ला दिया है। घटना के बाद, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पीड़िता से मुलाकात की और स्थानीय पुलिस अधिकारियों रतनलाल शर्मा और अखिलेश गुप्ता को निलंबित करने का आदेश दिया। मोईद की संपत्तियों की जांच भी शुरू की गई।

जांच और निलंबन आदेश

गैंगरेप की घटना के बाद राजस्व विभाग ने तुरंत कार्रवाई करते हुए मोईद की संपत्ति की जांच शुरू कर दी। एडीएम प्रशासन अनिरुद्ध प्रताप सिंह ने बताया कि मोईद की एक करोड़ रुपये की जमीन की पहचान कर ली गई है। मोईद ने सरकारी तालाब की 3000 वर्ग फीट जमीन पर बेकरी बनाई थी, जिसे प्रशासन ने ध्वस्त कर दिया है।

अखिलेश यादव का समर्थन

गंभीर आरोपों के बावजूद समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव ने मोईद खान का खुलकर समर्थन किया है। इस समर्थन ने विवाद और आलोचना को जन्म दिया है, क्योंकि कई लोगों का मानना ​​है कि यह मोईद के खिलाफ आरोपों की गंभीरता को कम करता है।

क्या क्या एक्शन हुए

बेकरी का विध्वंस

सरकारी जमीन पर बनी मोईद खान की बेकरी को प्रशासन ने ध्वस्त कर दिया। इसके अलावा, उनकी एक और बेकरी शॉप को भी सील कर दिया गया। ये कार्रवाइयां मोईद को अवैध संपत्ति अधिग्रहण के लिए कानूनी नतीजों का सामना करने पर प्रकाश डालती हैं।

जबरन ज़मीन पर कब्ज़ा

पिछले 48 घंटों में अयोध्या और आस-पास के इलाकों से कई शिकायतें सामने आई हैं, जिसमें आरोप लगाया गया है कि मोईद ने उनकी ज़मीन पर जबरन कब्ज़ा किया है। इन दावों की जांच चल रही है, जिससे मोईद की सच्चाई सामने आ रही रही है।

अन्य संपत्तियाँ

मोईद के पास भदरसा के मुख्य बाज़ार में एक इमारत है, जिसे प्रशासन गिराने की योजना बना रहा है। हालाँकि, इमारत से पंजाब नेशनल बैंक (PNB) की शाखा संचालित होने के कारण इमारत को गिराने में देरी हो रही है। जिला प्रशासन ने PNB को परिसर खाली करने का नोटिस जारी किया है, जिसमें संकेत दिया गया है कि बैंक के बाहर चले जाने के बाद इमारत को गिरा दिया जाएगा।

राजनीतिक और सांप्रदायिक हिंसा

भदरसा दंगे

मोईद खान पर 2012 के भदरसा दंगों में भी आरोप लगाया गया है। दैनिक भास्कर की एक रिपोर्ट के अनुसार, मोईद पर उस सांप्रदायिक हिंसा में शामिल होने का आरोप है, जिसने इस क्षेत्र को हिलाकर रख दिया था। उनके दोस्त और भदरसा नगर पंचायत अध्यक्ष राशिद खान पर भी दंगों में शामिल होने का आरोप है।

राशिद खान के खिलाफ आरोप

राशिद खान, एक और समाज़वादी पार्टी के नेता, पर मोईद को बचाने के लिए सामूहिक बलात्कार पीड़िता के परिवार को धमकाने का आरोप है। राशिद के खिलाफ़ कथित तौर पर पीड़िता के घर में घुसने और उस पर सुलह करने का दबाव बनाने और मना करने पर गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी देने के आरोप में एफआईआर दर्ज की गई है।

ऐतिहासिक संदर्भ

भदरसा दंगों के दौरान, मौजूदा नगर पंचायत अध्यक्ष मोहम्मद राशिद के पिता मोहम्मद अहमद नगर पंचायत अध्यक्ष थे। अहमद पर केरोसिन बांटकर दंगे भड़काने का आरोप था। उस समय राज्य में समाजवादी पार्टी की सरकार थी और माना जाता है कि पार्टी के साथ मोईद खान के जुड़ाव ने उसे कानूनी नतीजों से बचाया।

सार्वजनिक प्रतिक्रिया और कानूनी कार्रवाई

सार्वजनिक आक्रोश

सामूहिक बलात्कार की घटना और भदरसा दंगों में मोईद खान की संलिप्तता ने लोगों में आक्रोश पैदा कर दिया है। अयोध्या और आस-पास के इलाकों के निवासियों ने मोईद के खिलाफ़ कई शिकायतें की हैं, जिसमें उन पर ज़मीन हड़पने और अन्य अवैध गतिविधियों का आरोप लगाया गया है।

कानूनी कार्यवाही

इन आरोपों के जवाब में, पुलिस ने मोईद खान और उसके सहयोगियों के खिलाफ कई एफआईआर दर्ज की हैं। चल रही जांच का उद्देश्य मोईद की अवैध गतिविधियों की पूरी सीमा को उजागर करना और उसे न्याय के कटघरे में लाना है।

पारिवारिक और निजी जीवन

मोईद खान का परिवार

मोईद खान के चार बेटे और दो बेटियाँ हैं। उनका सबसे बड़ा बेटा ज़हीर परिवार का बेकरी व्यवसाय चलाता है, जबकि उनके अन्य बेटे नदीम और नफीस सेल्समैन के रूप में काम करते हैं। मोईद का सबसे छोटा बेटा जावेद अभी भी पढ़ाई कर रहा है। मोईद के परिवार की उसके व्यवसायिक उपक्रमों में भागीदारी उसके प्रभाव की सीमा और उसके संचालन में उसके परिवार की भूमिका को उजागर करती है।

पारिवारिक व्यवसाय

परिवार का बेकरी व्यवसाय आय का एक महत्वपूर्ण स्रोत रहा है, हालाँकि भूमि के अवैध अधिग्रहण के कारण इसे कानूनी चुनौतियों का सामना करना पड़ा और गिरा दिया गया।

मोईद खान की कहानी सत्ता और धन की ओर तेजी से बढ़ने की कहानी है, जो गंभीर आपराधिक आरोपों और कानूनी परेशानियों से घिरी हुई है। सीमित शिक्षा के साथ अपनी साधारण शुरुआत से लेकर एक प्रमुख राजनीतिक व्यक्ति और धनी व्यवसायी बनने तक, मोईद की यात्रा महत्वाकांक्षा, विवाद और कानूनी लड़ाइयों की एक जटिल कहानी है। जैसे-जैसे जांच जारी है और कानूनी कार्यवाही सामने आती है, देखना है की मोईद खान के और कितने कृत्य सामने आते हैं।

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