एमपी चुनाव के नतीजे आ गए हैं, इसमें क्या हुआ ये तो हम सभी जानते हैं कि बीजेपी की जीत हुई है और बीजेपी ने 163 सीटें जीतकर मध्य प्रदेश में अपनी सरकार को कायम रखा है, जबकि कांग्रेस सिर्फ 66 सीटें ही जीत पाई है।
पिछली बार एमपी में बेहद करीबी मुकाबला हुआ था और कांग्रेस ने सरकार बनाई थी, लेकिन बीच में कुछ कांग्रेस विधायकों ने पार्टी छोड़ दी और इसी बीच बीजेपी की सरकार बन गई।
अगर हम कमलनाथ जी की गलतियों की बात करें तो दो गलतियां सामने आती हैं, जिनका 2023 के चुनाव पर बहुत बड़ा असर पड़ता है।
पहला है- सुनील कनुगोलू। कर्नाटक के रहने वाले सुनील कनुगोलू की पहचान देश के धाकड़ चुनावी रणनीतिकारों में होती है। उन्होंने कर्नाटक में कांग्रेस पार्टी के सत्ता में पुनरुत्थान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। केसीआर द्वारा कनुगोलू को अपने खेमे में शामिल करने की कोशिशों के बावजूद, उन्होंने राहुल गांधी के प्रति अपनी निष्ठा को उजागर करते हुए स्पष्ट रूप से इस प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया था। कनुगोलू कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा में एक प्रमुख व्यक्ति बनकर उभरे। कांग्रेस में शामिल होने से पहले, सुनील कनुगोलू ने अन्नाद्रमुक, भाजपा और द्रमुक सहित विभिन्न राजनीतिक संस्थाओं के लिए चुनावी रणनीतियाँ तैयार की थीं। अपनी खुद कि शाखा बनाने से पहले उन्होंने प्रशांत किशोर की टीम के साथ काम किया था। मध्यप्रदेश की बात करें तो कमलनाथ ने कनुगोलू के लिए हामी नहीं भरी थी। मध्यप्रदेश और तेलंगाना में कांग्रेस को जिताने का जिम्मा कनुगोलू को दिया गया था पर कमलनाथ ने मन कर दिया था। हालांकि उन्होंने मध्यप्रदेश में कांग्रेस के लिए रणनीति जरूर बनाई थी।
दूसरा है – दूसरी गलती जो नजर आती है वो ये है कि जिस बड़े कारण से वो सत्ता में आई थी, उसे सत्ता में आने के बाद भी कमलनाथ सरकार ने पूरा नहीं किया…” ”उनके घोषणा पत्र का सबसे अहम हिस्सा था किसानों का कर्ज माफ करना, पर कमल नाथ सरकार ने केवल कुछ किसानों का ही काम कर पाई, और जनता को बहुत निराश किया।
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