29 अगस्त 2024 को अनुभव सिन्हा के निर्देशन में बनी IC 814 नाम से एक सीरिज नेटफ्लिक्स पर हाल में ही आई है। यह सीरिज 1999 में हुए कंधार हाईजैक घटना पर आधारित है। सीरिज में दिखाया गया कि कैसे भारत में बंद आतंकियों को छुड़ाने के लिए आतंकियों ने एक प्लेन हाईजैक किया और यात्रियों को 7 दिन (24 दिसंबर 1999-31 दिसंबर 1999) तक बंधक बनाए रखा। इस सीरीज़ में आतंकवादी समूह हरकत उल मुजाहिदीन के पाँच आतंकवादियों द्वारा इंडिया एयरलाइंस के विमान को हाईजैक करने की घटना को दिखाया गया है। सीरीज में दिखाए गए आतंकियों के नाम को लेकर अब इसकी जम कर आलोचना हो रही है। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने ‘आईसी814’ वेब सीरीज़ की विवाद को लेकर नेटफ्लिक्स के कंटेंट हेड को समन किया है।

क्या है विवाद ?
सोशल मीडिया पर इस सीरीज को लेकर लोगों में कुछ नाराजगी देखने को मिल रही हैं। लोगों का कहना है कि बॉलीवुड एक बार फिर से इतिहास को सही से दिखाने में विफल हुआ है। लोगों की शिकायत है कि संवाद के माध्यम से आतंकियों की छवि को सुधारने का काम हुआ है। लोग इस सीरिज के डायरेक्टर अनुभव सिन्हा को इस्लामी जिहादी, हिंदूफोबिक आदि कह रहे हैं। लोग कह रहे हैं कि सीरिज में हाईजैकर्स का नाम भोला और शंकर इस्तेमाल करते हुए दिखाया गया है और हिंदुओं को बदनाम करने का प्रयास किया गया है ।
सच क्या है ?
साल 1999 में हुई इस हाईजैकिंग के दौरान आतंकियों ने अपने कोड नेम रखे थे, हाईजैकिंग के दौरान उन्हीं कोड नेम के ज़रिए एक दूसरे से बात किया करते थे. यही वजह है कि वेब सीरीज़ में भी उन्हीं नामों का इस्तेमाल किया गया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, अपहरणकर्ताओं के असली नाम मोहम्मद इब्राहिम अख्तर, मोहम्मद शाहिद अख्तर, मोहम्मद सन्नी अहमद, मोहम्मद ज़हूर मिस्त्री और मोहम्मद शाकिर थे। अब आरोप यह लग रहे हैं कि सीरीज़ में हाईजैकर्स के असली नाम के बारे में नहीं बताया गया है। मेकर्स कोड नाम के साथ-साथ असली नाम भी तो बता सकते थे।
असली नाम नहीं बताने का असर ?
भाजपा के राष्ट्रीय सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग के प्रभारी एवं पश्चिम बंगाल के सह-प्रभारी, अमित मालवीय ने लोगों को एक ट्वीट के माध्यम से इसके दूगमी परिणामों को बताने की चेष्टा की है।
ट्वीट में मालवीय ने लिखा है- “आईसी-814 के अपहरणकर्ता खूंखार आतंकवादी थे, जिन्होंने अपनी मुस्लिम पहचान छिपाने के लिए छद्म नाम अपनाए थे। फिल्म निर्माता अनुभव सिन्हा ने उनके गैर-मुस्लिम नामों को आगे बढ़ाकर उनके आपराधिक इरादे को वैध बनाया।
परिणाम?
दशकों बाद, लोग सोचेंगे कि हिंदुओं ने आईसी-814 का अपहरण किया।
पाकिस्तानी आतंकवादियों, जो सभी मुसलमान हैं, के अपराधों को छिपाने के लिए वामपंथियों के एजेंडे ने काम किया। यह सिनेमा की ताकत है, जिसका कम्युनिस्ट लोग 70 के दशक से ही आक्रामक तरीके से इस्तेमाल कर रहे हैं। शायद उससे भी पहले से। यह न केवल लंबे समय में भारत के सुरक्षा तंत्र को कमजोर करेगा, उसपर सवालिया निशान लगाएगा बल्कि खून-खराबे के लिए जाना जाने वाला धार्मिक समूह से दोष भी हटा देगा।
किन कारणों से लोग कह रहे हैं – सनातन विरोधी ?
एक दृश्य में आतंकी प्लैन में यात्रियों के साथ अंताक्षरी खेल रहे हैं। आतंकियों को दयावान और करुणामयी दिखाया गया है। एक दृश्य में दिखाया गया है कि आतंकी यात्रियों के खाने-पीने का जबरदस्त इंतजाम कर रहे हैं। ‘बर्गर’ नाम के चरित्र को अच्छा दिखाने की कोशिश की गई है। पूरी सीरिज में आतंकियों के चरित्र को सीधा साधारण और करुणा से भरा दिखाने की कोशिश की गई है । आतंकी कहीं से भी क्रूर और भयावहता नजर नहीं आ रहे । यात्रियों ने जो यातना और प्रताड़ना 7 दिन झेली उसकी झलक मात्र दिखाई गई है।

Times Now Navbharat पर सुशांत सिन्हा की इस वीडियो रिपोर्ट में सबकुछ स्पष्ट किया गया है। देखें –
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